सांपो को लेकर हमारे देश सहित कई अन्य देशों में काफी कहानियां तथा भ्रांतियां फैली हुई हैं। इसका कारण सिर्फ इतना ही है कि लोग इनके बारे में सही बातें नहीं जानते हैं। सांपो के बारे में कई सवाल हैं जैसे कि वे एक बार में कितने बच्चे देते हैं। क्या सभी अंडो से बच्चे बाहर आते हैं। अंडो के बचाव तथा देखभाल के लिए मादा सांप क्या करती है आदि कई ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब काफी रोचक हैं। आज हम आपको ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब यहां दे रहें हैं।
किंग कोबरा कि असल पहचान
आपको बता दें कि किंग कोबरा पीला, काला, हरा या भूरे रंग का होता है। इस पर आमतौर पर पीली या भूरी आड़ी तिरछी रेखाएं पाई जाती हैं। इस सांप का गला पीला या हल्के क्रीम कलर का होता है। इस सांप के बच्चे पूरी तरह से काले होते हैं लेकिन उनके शरीर पर पीली या सफ़ेद धारियां पाई जाती हैं। यह सांप भारत तथा दक्षिण पूर्व एशिया में काफी पाया जाता है। छपकली, चूहे तथा पक्षी इसका भोजन होते हैं। इनकी लंबाई 3 से 5 मीटर होती है कभी कभी यह 6 मीटर तक भी होती है।
मादा सांप इतने समय तक रहती है गर्भवती
आपको बता दें कि मादा किंग कोबरा 50 से 59 दिन तक गर्भवती रहती है। यह सर्प प्रजाति अपने अंडे घोसलों में देती है। ज्यादातर घोसले पेड़ के तने पर बने होते हैं। घोसले में 7 से 43 अंडे तक हो सकते हैं। जिनमें से 6 से 38 अंडे बच्चों में बदलते हैं। बच्चों के पैदा होने तक मादा कोबरा अपने अंडो को सुरक्षित रखती है।
यह है अंडे से सांप बनने की प्रक्रिया
आपको जानकारी दे दें कि किंग कोबरा जनवरी से अप्रैल माह के मध्य ही पैदा होते हैं। मादा कोबरा एक बार में 21 से 40 अंडे देती है। बंसत तथा गर्मी के मौसम के दौरान ये अंडे सुरक्षित रहते हैं। बरसात के मौसम में अंडो से बच्चे बाहर निकलते हैं। बच्चों में बदलने वाले अण्डों की संख्या 2 से 35 के बेच होती है। लेकिन यह कई कारकों पर निर्भर करता है।
किंग कोबरा के बच्चों की लंबाई 20 से 30 सेमी होती है। पैदा होने के 7 दिन तक बच्चे सफ़ेद रंग के होते हैं लेकिन बाद में ये काले हो जाते हैं। समय के साथ इन बच्चों का रंग फीका पड़ने लगता है। 21 दिन बाद में इन बच्चों में जहर बनने की प्रकिया शुरू हो जाती है। कुछ माह बाद ये बच्चे व्यस्क सांप की तरह शक्तिशाली हो जाते हैं।