गर्मियों के मौसम में, हम सभी अपने घरों को ठंडा रखने के लिए विभिन्न उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं। इनमें से कूलर और पंखा सबसे आम उपकरण हैं। अक्सर लोग सोचते हैं कि क्या कूलर के साथ पंखे को भी चलाना चाहिए।

इस प्रश्न का उत्तर इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार का वातावरण और तापमान नियंत्रण चाहते हैं, और आपका रूम कितना बड़ा है
पहली बात तो यह है कि कूलर हवा में नमी जोड़कर उसे ठंडा करता है। यदि आपके कमरे में नमी का स्तर पहले से ही उच्च है, तो कूलर चलाने से वातावरण और भी अधिक नम हो सकता है, जिससे असुविधा बढ़ सकती है।

पंखा चलाना हो सकता है फायदेमंद

ऐसे में, पंखा चलाना फायदेमंद हो सकता है क्योंकि पंखा हवा को सिर्फ गति देता है, उसमें नमी नहीं बढ़ाता। पंखे की हवा से हवा में मौजूद नमी तेजी से वाष्पित होती है, जिससे वातावरण अधिक सुखद और ठंडा महसूस होता है।
दूसरी ओर, यदि कूलर कमरे के एक कोने में रखा गया है, तो पंखा उस कूलर की ठंडी हवा को कमरे के अन्य हिस्सों में फैलाने में मदद कर सकता है। इससे कमरे का तापमान अधिक समान रूप से नियंत्रित हो सकता है।

पंखे और कूलर को साथ चलाने में नुकसान

हालांकि, इसके कुछ संभावित नुकसान भी हैं। जब कूलर और पंखा दोनों एक साथ चलते हैं, तो यह अधिक बिजली की खपत कर सकता है, जिससे आपके ऊर्जा बिल में वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, यदि कूलर की हवा पर्याप्त रूप से नम नहीं है तो पंखे की तेज हवा से यह असुविधाजनक भी हो सकता है क्योंकि तेज हवा से शरीर की नमी तेजी से वाष्पित हो सकती है, जिससे त्वचा सूख सकती है और ठंड लग सकती है।

कूलर और पंखे को साथ में चलाना

दरअसल कूलर बाहर की हवा को ठंडा करके बाहर की तरफ छोड़ता है, जबकि एसी अंदर की हवा को ठंडा कर देता है और बाहर की हवा को आने नहीं देता है। जब इस कूलर की हवा कमरे में चल रही पंखे की हवा से टकराती है तो उसका फ्लो बिगड़ जाता है। ऐसे में पंखे को धीमी गति में चलाएं जिससे वो कूलर की हवा को कमरे के चारों तरफ फेंक सके।