ऊंट ऐसा जानवर है जो बात ही में बीमार नहीं होता। यदि ऊंट बीमार हो भी जाता है तो वह इतनी आसानी से ठीक नहीं होता। ऊंट की बीमारी में दवा भी बेअसर हो जाती है। ऊंट को सबसे लास्ट ट्रीटमेंट के तौर पर डाळी लगाई जाती है। इसमें ऊंट को गर्म सरिये से दागा जाता है। अपनी विभिन्न श्रेणियों के अनुसार सांपो के गुणधर्म भी अलग अलग ही होते हैं। कुछ सांपो में जहर कम मात्रा में होता है जब की कुछ सांपो में जहर की मात्रा काफी ज्यादा होती है। इस प्रकार के सांपो काफी खतरनाक मानें जाते हैं। दुनिया में सबसे जहरीला सांप किंग कोबरा सांपो माना जाता है।
किंग कोबरा से सामना होते ही बड़े बड़े लोग कांप उठते हैं। इसके जहर की एक बूंद कई लोगों को मौत की नींद सुला सकने में सक्षम होती है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी की रेगिस्तान में ऊंट को जिंदा कोबरा सांप भोजन के रूप में खिलाया है। ऐसा करने के पीछे क्या उद्देश्य होता है। आज हम आपको इसी बारे में विस्तार से जानकारी दे रहें हैं।
ऊंट को खिलाया जाता है सांप
आपको जानकर हैरानी होगी की रेगिस्तानी क्षेत्र में ऊंट को जिंदा कोबरा खिलाया जाता है। बता दें की ऊंट को एक प्रकार की ख़ास बिमारी हो जाती है। जिससे बचाने के लिए उसको जिंदा सांप खिलाया जाता है। बता दें की ऊंट को हयाम नामक बिमारी हो जाती है, इस बिमारी में ऊंट की मौत तक हो जाती है। इस बीमारी से बचाव करने के लिए ही ऊंट को जिंदा कोबरा खिलाया जाता है।
मुंह में डालते हैं जिंदा कोबरा
हयाम नामक इस बिमारी के उपचार के लिए ऊंट का मुंह खोला जाता है। इसके बाद में उसके मुंह में जिंदा कोबरा सांप को सीधे ही डाल देते हैं। इसके बाद में ऊंट के मुंह में पानी डाला जाता है ताकी सांप ऊंट के पेट में चला जाये। इस प्रकार से ऊंट को जिंदा कोबरा सांप खिलाया जाता है तथा उसको हयाम नामक बिमारी से बचा लिया जाता है।