अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) ने गूगल के एकाधिकार को चुनौती देने के लिए कड़ा कदम उठाया है। DOJ ने गूगल को अपने कुछ प्रमुख बिजनेस सेक्शंस, खासकर वेब ब्राउजर क्रोम को अलग करने की सलाह दी है।
इस मामले में चल रही सुनवाई में कोर्ट ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि गूगल का इंटरनेट सर्च मार्केट में एकाधिकार है। क्रोम, जो दुनिया का सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला वेब ब्राउजर है, का उपयोग गूगल अपने प्रोडक्ट्स के प्रमोशन के लिए करता है। इससे प्रतियोगी कंपनियों को बड़ी चुनौती मिलती है।
गूगल को क्रोम से कैसे होता है फायदा?
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, DOJ का मानना है कि गूगल अपने क्रोम ब्राउजर के जरिए अपने प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देकर दूसरी कंपनियों को पीछे छोड़ रहा है। DOJ ने कोर्ट में तर्क दिया है कि गूगल का यह एकाधिकार अन्य कंपनियों के विकास में बाधा उत्पन्न कर रहा है। क्रोम के जरिए गूगल अपने प्रोडक्ट्स को यूजर्स तक आसानी से पहुंचा पाता है, जो उसे मार्केट में काफी बढ़त देता है।
इस एकाधिकार से प्रतिस्पर्धी कंपनियों के लिए समान अवसर की कमी होती है, जिससे बाजार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा समाप्त होती जा रही है। DOJ ने यह भी स्पष्ट किया है कि गूगल की यह स्थिति बाजार में एक अनुचित लाभ की स्थिति पैदा कर रही है।
गूगल का बचाव
गूगल की रेगुलेटरी अफेयर्स की वाइस प्रेसीडेंट ली ऐन मुलहॉलैंड ने DOJ के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि गूगल न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करेगा और कानूनी तरीके से आगे बढ़ेगा। उनका यह भी कहना था कि DOJ का एजेंडा पूरी तरह से गूगल के खिलाफ है और इससे कंपनी के बिजनेस पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
क्या बदलाव ला सकता है DOJ?
DOJ, गूगल के एकाधिकार को कम करने के लिए कई बड़े बदलावों की मांग कर सकता है। इसमें गूगल के प्रमुख बिजनेस सेक्शंस, जैसे कि एंड्रॉइड, सर्च इंजन और गूगल प्ले, को अलग-अलग करने की शर्त शामिल हो सकती है। हालांकि, DOJ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह गूगल को मोबाइल सॉफ़्टवेयर कंपनी एंड्रॉइड को बेचने के लिए मजबूर नहीं करेगा।
इसके अलावा, DOJ चाहता है कि गूगल अपने एडवरटाइजिंग बिजनेस में अधिक पारदर्शिता लाए। वर्तमान में गूगल यह निर्धारित करता है कि विज्ञापन कहां और किसे दिखाई देंगे। DOJ का प्रस्ताव है कि विज्ञापनदाताओं को यह तय करने की स्वतंत्रता दी जाए कि उनके विज्ञापन कब और कहां प्रदर्शित होंगे।
वेबसाइट कंटेंट और AI उत्पादों पर DOJ की नजर
DOJ ने गूगल के खिलाफ यह भी मांग की है कि गूगल वेबसाइट्स के कंटेंट का उपयोग अपनी जनरेटिव AI तकनीक में बिना अनुमति के न करे। इसके अतिरिक्त, DOJ गूगल के ऑनलाइन कंटेंट के इस्तेमाल को भी नियंत्रित करने के लिए नए नियम लाने पर विचार कर रहा है।