नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश में योगी सरकार के बनने के बाद से शहर जिलों से लेकर पूरे राज्य की तस्वीर बदल देने का निर्णय योगी सरकार ने लिया था। जिसके बाद से शहर जिलों से लेकर कई धर्म स्थलों के नाम का परिवर्तन किया गया। अब योगी की राह पर जयपुर में भी इसी तरह का नजारा देखने को मिल रहा है। जिसमें कई पुराने महत्वपूर्ण स्थानों के नाम बदले जा रहे हैं।

शुक्रवार को महापौर कुसुम यादव की अध्यक्षता में जयपुर हेरिटेज नगर निगम की तरफ से हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। जिसके तहत कुल 13 प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए हैं। जिनमें पांच सड़कों और भवनों के नाम बदलने का भी फैसला लिया गया है।

शहर के इन सड़कों-स्थानों के नाम बदले गए

इन शहरो में सबसे पहले पांच बत्ती सर्किल से लेकर सिंहद्वार तक जाने वाली सड़क का नाम बदलकर माता लीलावती मार्ग रख दिया गया है।

चांदपोल सर्किल को अब महर्षि वाल्मीकि सर्किल के नाम से जाना जाएगा। इस सर्किल पर महर्षि वाल्मीकि की 21 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

जनाना अस्पताल का नाम बदलकर माता यशोदा अस्पताल कर दिया गया है।

4 नंबर डिस्पेंसरी से एनबीसी हसनपुर तक की सड़क का नाम बदलकर हरिपुरा मार्ग कर दिया गया है।

वहीं वार्ड 77 के परमानंद पार्क स्थित भवन का नाम श्री गुलाबचंद नावरिया भवन रखा गया है।

इसके अलावा, इस बैठक में सफाई कर्मचारियों के लिए निगम मुख्यालय में डिस्पेंसरी और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने का प्रस्ताव रखा गया है। साथ ही नगर निगम हेरिटेज क्षेत्र द्वारा संचालित विद्यालयों के भवनों का जीर्णोद्धार करने और शिक्षा विभाग के माध्यम से हेरिटेज क्षेत्र के सभी विद्यालयों में बच्चों को मध्यान्ह भोजन दिए जाने की पुनः शुरूआत की जा रही है।

जयपुर में स्वच्छता अभियान पर जोर देते हुए राज्य को पहले से बेहतर बनाने के लिए अस्थायी कर्मचारी नियुक्त के जाने की घोषणा की गई है।  दीपावली से पहले नगर निगम हेरिटेज के प्रत्येक वार्ड में 30 नई लाइट लगाने के प्रस्ताव पारित किया गया है।