नई दिल्ली। 31 अक्टूबर के दिन पूरे देश में दीवाली पर्व पूरे धूमधाम से मना जा रहा है। इस खास दिन को मनाने के लिए लोग काफी लंबे समय से तैयारी करना शुरू कर देते है। इसमें हर घर में मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती हैं। घरों पर दीप जलाकर उनके आगमन में फूल बिछाए जाते है। लेकिन एक जगह ऐसी है जहां दूपावली घर पर नही बल्कि शमशान घाट पर कब्रों के साथ मनाई जाती है।

करीमनगर में दीवाली

करीमनगर जिले में मनाई जाने वाली दीवाली के दिन एक समुदाय अनोखी परंपरा का पालन करते आ रहा है। जहां दीवाली के दिन ये लोग श्मशान में अपने अपने परिजनों की कब्रों पर जाकर जश्न मनाते हैं।दीप जलाकर अपने पूर्वजों को सम्मान देते हैं।

दीवाली की तैयारी

दीवाली का त्योहार आने से एक सप्ताह पहले यहां के लोग शमशान पर अपने परिवार की कब्रों के पास जाकर सफाई और रंगाई करते हैं। फिर दीवाली के दिन, वो उन कब्रों को फूलों से सजाकर पूरी शाम वहां बिताते हैं। वे लो अपनों को याद कर उनकी पसंदीदा चीजों को भेंट चढ़ाते हैं, मोमबत्तियाँ जलाकर अनुष्ठान और प्रार्थनाएँ भी करते हैं।

दीवाली का विशेष महत्व

करीमनगर में यहां के समुदाय का मानना है कि इस विशेष दिन उनके प्रियजन हमारी राह देखते है। इसलिए उनके सम्मान के लिए दीपावली के खास दिन जाकर हम उन्हें याद करते है जिससे उनकी आत्माओं को शांति मिलती है. हालांकि यह पंरपरा भले ही अनोखी है,लेकिन उन लोगों को अपनों की यादों को मनाने में खुशी मिलती हैं जो अब उनके बीच नहीं हैं।