Li-Fi, जिसका पूरा फुल फॉर्म है ‘लाइट फिडेलिटी’ (Light Fidelity), एक वायरलेस कम्युनिकेशन पर काम करने वाली एक तकनीक है, जिसमें डिवाइस डाटा ट्रांसमिट के लिए प्रकाश (लाइट) का उपयोग करता है। यह तकनीक साल 2011 में एक जर्मन व्यक्ति ने लोगों के सामने प्रस्तुत की गई थी। आज के इंटरनेट युग में, Li-Fi एक क्रांतिकारी तकनीक है। मौजूदा समय में डेटा सिग्नल लेने और भेजने के लिए रेडियो सिग्नल्स का उपयोग होता है, जबकि Li-Fi तकनीक में इसके बजाय प्रकाश का उपयोग होता है।
Li-Wi तकनीक काम कैसे करती है?
जैसा कि पहले बताया गया है, Li-Fi तकनीक में सिग्नल भेजने और प्राप्त करने के लिए प्रकाश का उपयोग किया जाता है। एलईडी लाइट सिग्नल भेजने के लिए एक सेकंड में लाखों बार टिमटिमाती है, जिसे हम अपनी नगण्य आंखों से नहीं देख पाते हैं और यह हमें लगता है कि बल्ब लगातार जल रहा है।
Li-Wi तकनीक की खासियत क्या है?
Li-Wi तकनीक की खासियत है कि इसमें सिग्नल भेजने और प्राप्त करने के लिए प्रकाश का उपयोग होता है। इस तकनीक में, लाइट इमिटिंग डिवाइस (LED) या फिर अन्य प्रकाश उत्सर्जकों का इस्तेमाल किया जाता है जो तीव्र टिमटिमाने वाले सिग्नल बनाते हैं। इसके लिए, डिवाइस एक विशेष फ्रीक्वेंसी बदलकर लाइट के बल्बों को जलाने और बंद करने के लिए उपयोग करता है। यह बहुत तेजी से डेटा ट्रांसमिशन कर सकता है और Wi-Fi से भी अधिक गतिशील माना जाता है।
एक और खासियत है कि Li-Wi तकनीक रेडियो तथा माइक्रोवेव इंटरफियरेंस के नुकसान से बचाती है, जिससे इंटरनेट कनेक्शन की अच्छी गुणवत्ता प्रदान करती है। इसलिए, Li-Wi तकनीक को एक सुरक्षित और तेज वायरलेस डेटा ट्रांसमिशन का विकल्प माना जाता है।
Li-Fi तकनीक का इस्तेमाल कैसे करें?
वर्तमान में, Li-Fi तकनीक Wi-Fi की तुलना में कम लोकप्रिय है। इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या काफी कम है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि इसके लिए लोगों को घरों में एलईडी लाइट लगानी होती है, जो Wi-Fi के मुकाबले थोड़ा महंगा पड़ता है। लेकिन आने वाले समय में Li-Fi तकनीक का उपयोग बढ़ेगा। हालांकि, यह कहना मुश्किल है कि क्या यह Wi-Fi को पूरी तरह से हटा पाएगा या नहीं।