उम्र के बढ़ने के साथ बालों का सफ़ेद होना एक नेचुरल प्रोसेस होता है। हेल्दी व्यक्ति के बाल 40 वर्ष के बाद ही सफ़ेद होना शुरू होते हैं। लेकिन आज के समय में खराब लाइफ स्टाइल तथा खानपान के कारण युवा अवस्था में ही लोगों के बाल सफ़ेद होते जा रहें हैं। अतः आपके बालों के कारण आपसे बड़ी आयु के लोग भी आपको बूढ़ा समझने लगते हैं। हालांकि बालों के सफ़ेद होने की यह समस्या न सिर्फ पुरुषों में है बल्कि स्त्रियों में भी है।
तनाव, मेडिकल बेस्ड कलर या कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट के कारण महिलाओं के बाल काफी जल्दी सफ़ेद होते जा रहें हैं। इस प्रकार की समस्या के रूप में डॉ सलीम जैदी का कहना है की Nilini या इंडिगो बालों को कलर करने के लिए सबसे अच्छा ऑप्शन होता है। इसका इस्तेमाल करने से जहां बालों का कलर नेचुरल तरीके से काला हो जाता है वहीं बालों में चमक भी आ जाती है।
क्या है Nilini या इंडिगो
आपको जानकारी दे दें की आयुर्वेद में इंडिगो को nalini या नील के नाम एक नाम से जाना जाता है। यह पौधा भारत, अफ्रिका तथा वियतनाम में पाया जाता है। स्किन से जुडी समस्या, पाचन से जुडी समस्या तथा जख्म भरने जैसी समस्याओं में इस पौधे का इस्तेमाल किया जाता है। बालों को रंगने के लिए लोग इस पौधे का काफी इस्तेमाल करते हैं। बालों को रंगने के लिए यह इसलिए अच्छा माना जाता है क्योकि यह पूरी तरह से हरवल होता है तथा केमिकल फ्री भी होता है। इसका इस्तेमाल करने पर बाल मजबूत तथा चमकदार बनते हैं। इसके अलावा यह बालों की लेंथ को भी बढ़ावा देता है।
इस्तेमाल करने के लिए सामग्री
- शुद्ध नलिनी या इंडिगो पाऊडर।
- एक बाउल।
- एक स्पून।
- शावर कैप। ग्लव्स।
इस प्रकार से करें इस्तेमाल
सबसे पहले आप माईल्ड शैम्पू से अपने सर को धो लें। इसके बाद में आप एक कांच के वर्तन में इंडिगो को डालें तथा पानी के साथ मिला लें। इसका आप गाढ़ा पेस्ट बना लें तथा अपने हाथों पर ग्लव्स को पहन लें। अब आप बालों को दो हिस्सों में बांट कर ब्रश की सहायता से इंडिगो को अपने बालों में लगाएं। इस पेस्ट को आप बालों की जड़ो से लगाएं तथा नीचे तक लाएं। इसके एक घंटे बाद में आप अपने बालों को धो सकते हैं। आप नेचुरल शैम्पू का इस्तेमाल करें, इससे इंडिगो का कलर आपके बालो पर लंबे समय तक बना रहेगा।