आज के समय में स्क्रीन और गैजेट्स हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन चुके हैं। ये हमारे दैनिक कार्य को तो आसान बनाते ही हैं लेकिन हमारी ओवरऑल हेल्थ को भी हानि पहुंचाते हैं। इनसे हमारी आंखों पर स्क्रीन टाइम का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा एनवायरमेंट पॉल्यूशन, एलर्जी, सूरज की तेज किरणें आदि कारणों से भी हमारी आंखें काफी कमजोर हो जाती हैं। इसके कारण हमारी नजर काफी कमजोर हो जाती है। अतः आज हम आपको आयुर्वेद से कुछ ऐसी ओषधियां बता रहें हैं। जिनका प्रयोग कर आप अपनी आखों की रौशनी को कम होने से बचा सकते हैं।

त्रिफला

तीन फलों के मिश्रण को त्रिफला कहा जाता है। यह एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है। आंखों के देखने की क्रिया में सुधार के लिए इसको जाना जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो की आपकी आई टिश्यू को बढ़ावा देते हैं। यह आपकी आंखों को ऑक्सीडेटिव तनाव से भी बचाता है। इसको ओरल रूप से लिया जाता है तथा आंखों को धोने में भी इसका उपयोग किया जाता है।

अंजना और नस्य क्रिया

आंखें हमारी बिमारी के प्रति ज्यादा सेंसेटिव होती हैं। आंखों की सेफ्टी तथा कफ को दूर करने के लिए नियमित रूप से अंजना लगाना और नस्य (नाक के जरिए दवाओं का अंदर ले जाना) बहुत फायदेमंद होता है।

पैरों की मालिश

देखने को सुरक्षित रखने के लिए आयुर्वेद में पादाभ्यंग (तेल से पैरों की मालिश) करना अच्छा बताया गया है। अतः दैनिक रूप से पैरों की मालिश करने से आपकी आंखों में सुधार होता है।

त्राटक

आपको बता दें की इस क्रिया में जलते हुए घी के दीपक को एकटक देखना होता है। यह एक यौगिक क्रिया है। इसका वर्णन आयुर्वेद में भी किया जाता है। इसके लिए आपको एक अंधेरे कमरे में बैठ जाना होता है तथा अपनी आंखों के सामने जलते हुए दीपक को रखकर उसे एकटक देखना होता है। इससे आपके विजन तथा आंखों की शक्ति में सुधार होता है।

बैलेंस डाइट

आप यदि अपनी आंखों को लंबे समय तक सुरक्षित रखना चाहते हैं तो आपको बैलेंस डाइट लेनी चाहिए। आपको ऐसी डाइट लेनी चाहिए जिसमें आपको विटामिन ए, ई, सी और बी आदि आसानी से मिल सकें। इसके अलावा आप अपने आहार में घी, शहद, जौ, गेहूं, शास्तिक शालि (पुराना चावल) को भी शामिल कर सकते हैं।