आज की भाग दौड़ भरे जीवन में गलत खानपान और गलत जीवनशैली के कारण लोगों को बहुत सी परेशानियां होने लगी है। ऐसे ही कुछ लोगों को रात में सोते हुए करवट या अंगड़ाई लेने के साथ पैरों में भी अचानक से क्रैम्प का असहनीय दर्द हो सकता है।
आपको यह दर्द गहरी नींद में किसी करंट की तरह मांसपेशियों को जकड़ लेता है। पैर को कई मिनटों तक सहलाने के बाद भी यह क्रैम्प या ऐंठन दूर नहीं होती, और आप अगली सुबह दर्द के साथ उठते हैं।
ऐसा सिर्फ आप के साथ ही नहीं है, दुनियाभर के लाखों लोग इस तरह के दर्द से गुजरते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, 60% वयस्क इस समस्या से परेशान हैं। लेकिन काफी लोग इसका कारण और निवारण नहीं जानते हैं और यदि आप भी इस दर्द से गुजर रहे हैं तो सबसे पहले आपको इसका कारण जरूर जानना चाहिए।
पैरों में क्रैम्प का कारण
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि क्रैम्प को ‘चार्ली हॉर्स’ भी कहते हैं। ये आपको मांसपेशियों में अचानक और निरंतर कसाव के कारण होता है, और 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को इस तरह की समस्या ज्यादा होती है।
1. सोने की गलत पोजीशन
आपके सोने की पोजीशन और क्रैम्पस के बीच बड़ा कनेक्शन होता है। जब आप बिस्तर पर उल्टा सोते हैं यानी कि आपका चेहरा बैड की तरफ होता है तो पैरों की पिंडलियों की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं। ऐसे में आपके पैरों में क्रैम्प आने की आशंका ज्यादा रहती है। इसलिए आपको हमेशा बैड पर सीधे लेटना चाहिए।
2. मौसम में बदलाव होने से
पैरों में कैम्प होने का एक कारण मौसम में बदलाव होना भी है। इस बदलावों से आपको रीढ़ से लेकर पिंडली तक की नसों में क्रैम्प होने लगते हैं। एक शोध के अनुसार जुलाई के समय लोगों को क्रैम्प ज्यादा होते हैं और जनवरी में इसमें कमी आ जाती है।
3. गलत लाइफस्टाइल
कुछ शोधों के मुताबिक क्रैम्प के मुख्य कारणों में आज की आधुनिक लाइफस्टाइल भी है। पहले के जमाने में लोग अधिकांश काम उकड़ू बैठकर किया करते थे, जिससे लैग टेंडन और मांसपेशियों में फैलाव होता था। लेकिन अब ज्यादातर लोग उकड़ू बैठते ही नहीं हैं। उनका सबसे ज्यादा समय कंप्यूटर या स्क्रीन के आगे कुर्सी में बैठकर बीत जाता है। इस गतिहीन लाइफस्टाइल का असर मांसपेशियों और टेंडन पर पड़ता है, और इससे क्रैम्प आने लगते हैं।
4. डिहाइड्रेशन
आपको बता दें कि डिहाइड्रेशन के कारण भी क्रैम्प आते हैं। जर्मनी की एक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर माइकल बेहरिंगर के अनुसार, ज्यादातर क्रैम्प गर्मियों में आते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गर्मी में मांसपेशियों का फ्लूइड बैलेंस बिगड़ जाता है, और इससे आपके क्रैम्प्स की संख्या बढ़ जाती है। तो वहीं डिहाइड्रेशन से ब्लड में इलेक्ट्रोलाइट के बैलेंस पर भी असर पड़ता है, जो कि क्रैम्प को ट्रिगर करता है।
5. शरीर में पोषक तत्वों की कमी
शरीर में पोषक तत्वों की कमी से भी क्रैम्प आने लगते हैं। यदि आप अपनी डाइट में कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम शामिल नहीं करते हैं तो इससे आपके शरीर में इनका बैलेंस खराब हो जाता है और आपको क्रैम्प की समस्या होने लगती है। पोषक तत्वों के अभाव से इलेक्ट्रोलाइट्स और मांसपेशियों में फ्लूइड बैलेंस बिगड़ जाता है, और इससे आपको ये परेशानी बढ़ जाती है।
6. ज्यादा वर्कआउट
वर्कआउट आपकी बॉडी और फिटनेस के लिए बहुत जरूरी होता है, लेकिन लंबे समय तक बहुत कठिन एक्सरसाइज करने से क्रैम्प की समस्या होने लगती है। एक अध्ययन के अनुसार जब मांसपेशियों से ज्यादा काम कराया जाता है तो उनके फाइबर प्रभावित हो जाते हैं। ऐसे में आपको क्रैम्प की समस्या होने लगती हैं।