हमारे देश में आयुर्वेद का प्रचलन हजारों वर्षों से रहा है। लोग आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन आज भी बड़ी संख्यामें करते हैं और अपने रोगों से निजात पाते हैं। आयुर्वेद में विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों से औषधियों को इकठ्ठा किया जाता है और उनकी दवाएं बनाई जाती हैं। जो विभिन्न प्रकार के रोगों में काम आती हैं। इसी क्रम में आज हम आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बता रहें हैं। जो दुर्बलता तथा कमजोरी को दूर करने में काफी मददगार होता है। इसका नाम सप्तपर्णी है। इसकी औषधियों से नपुंसकता की समस्या दूर होती है तथा पौरुष शक्ति की बढ़ोतरी होती है।
इन क्षेत्रों में मिलता है यह पौधा
आपको बता दें कि दिसंबर से मार्च माह के बीच इस पौधे में फूल आते हैं। इसके फूल हरे तथा सफ़ेद रंग के होते हैं। जिनका आकार छोटा होता है। पौधे को आप मध्य प्रदेश के दमोह जिले के दूर दर्ज क्षेत्रों में काफी बाहुल्यता में देख सकते हैं। इसके अलावा यह पौधा हिमालय के क्षेत्रों में भी पाया जाता है। इस पौधे के फूलों से आपको तेज तथा ख़ास सुगंध आती है। यही इस पौधे की ख़ास पहचान है।
विभिन्न बिमारियों में आता है काम
इस पौधे का उपयोग आयुर्वेद, यूनानी तथा सिद्ध तीनों प्रकार की चिकित्सा में किया जाता है। इसके उपयोग से कई प्रकार की बिमारियों को आसानी से दूर किया जा सकता है। शारीरिक दुर्बलता तथा खुले घावों को इस पौधे के उपयोग से आसानी से ठीक किया जा सकता है। ख़ास बात यह है कि नपुंसकता जैसी समस्याओं को भी इस पौधे से निर्मित ओषधियों से सरलता से ठीक किया जा सकता है।