नई दिल्ली। आज के समय में मोबाइल लोगों की एक बड़ी लत बन चुकी है। जिसमें बड़े से लेकर बच्चे तक अपने सब काम को छोड़कर मोबाइल में आ रही चीजों को देखना बहुत पसंद करते है। सोशल मीडिया का असर बच्चों के दिलों मांग में इस कदर छा चुका है कि बच्चे अन्य शारिरीक क्रियाओं को भूलते जा रहे है। इतना ही नही पढ़ाई में उनका ध्यान कम होने लगा है। इन्ही सब चीजों को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया जैसे देश में वहां की सरकार ने एक कानून बनाकर 16 साल तक के बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है। और इसका दोषी पाएं जाने पर सोशल मीडिया कंपनियों पर करीब पांच करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का जुर्माना लगाया जा सकता है।
ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा उठाया गया यह सराहनीय कदम पूरी दुनियां को प्रेरित कर सकता है। अब इस देश में जो भी 16 साल के बच्चे सोशल मीडिया से जुड़ने के लिए अकाउंट बनाते है तो उन्हें इसका सजा बी मिल सकती है। इसके लिए ऑस्ट्रेलिया की संसद ने दी सोशल मीडिया मिनिमम एज बिल को मंजूरी दी है। इस कानून को अगले साल से लागू कर दिया जाएगा।
सोशल मीडिया तक 16 साल तक के बच्चे ना पहुंच सके इसके लिए तकनीकी कंपनियों को एक साल का समय दिया गया है। इस नियम को ना मानने पर सोशल मीडिया पर करीब पांच करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का जुर्माना लगाया जा सकता है।
इस कानून के प्रावधान क्या हैं
दी सोशल मीडिया मिनिमम एज बिल को ऑस्ट्रेलियाई संसद की सीनेट ने गुरुवार को 34 बनाम 19 मतों से पारित किया है। यह बिल बुधवार को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में 102 बनाम 13 के बहुमत से पारित हुआ था। इस कानून में प्रावधान है कि यदि कोआ 16 साल से कम उम्र का बच्चा फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स जैसी साइट्स से जुड़ने के लिए अकाउंट बनाता है तो इसका जिम्मेदार सोशल मीडिया प्लेटफार्म को ही माना जाएगा। बच्चों के अकाउंट को बनाने से रोकने और नियमों का पालन न करने पर सोशल मीडिया पर पर करीब पांच करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर तक के जुर्माने का प्रावधान रखा गया है।
बच्चों के लिए बने इस नियम को देखने के बाद से लोग ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज की काफी प्रशंसा कर रहे है जो एक सराहनीय काम है।