हल्दी और नीम से कैंसर के इलाज का दावा करके बुरे फंसे नवजोत सिद्धू, मिला 850 करोड़ का नोटिस

नई दिल्ली। पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू इन दिनों अपनी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के कैंसर के इलाज को लेकर काफी चर्चा में बने हुए है। अभी हाल ही में उनके द्वारा दिया गया एक बयान सोशल मिडिया पर तेजी से वायरल हो रहे है। लोग उनकी बातों को फॉलो भी करने लगे है। घरेलू नुस्खों से कैंसर के ठीक होने का दावा करने वाले नवजोत सिद्धू के ऊपर बड़ी आफत आ गई है। इस दावे के चलते  छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने नवजोत कौर सिद्धू को 850 करोड़ रुपये का कानूनी नोटिस भेजा है। इस नोटिस में उनके दावों पर 40 दिनों के अंदर इसका स्पष्टीकरण भी मांगा गया है।

सिद्धू के खारिज किए दावे

सिद्धू ने हाल ही में अपनी पत्नि के कैंसर का डाइट प्लान सोशल मीडिया पर बताया था। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि इस घरेलू डाइट प्लान ने उनकी पत्नी के कैंसर को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिसमें सिद्धू ने उन घरेलू इलाज में नीबू हल्दी और नीम की बात कही थी। इस खबर के वायरल होने के बाद अब टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में खलबली मच गई है। उन्होने सिद्दू की एडवाइजरी में शामिल हल्दी, नीम जैसे घरेलू नुस्खों को कैंसर के इलाज के दावों को खारिज किया है।

7 दिन में माफी मांगे सिद्धू

सिद्धू की पत्नि के कैंसर का डाइट प्लान देखकर अब छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी ने भी इस पर कहा कि उनके इस कथन से मरीजों का दवाइयों से भरोसा उठ गया है। वे लोग दवाई करान से इंकार कर रहे है। इस डाइट प्लान बारे में सुनकर देश-विदेश के कैंसर मरीजों में अस्पष्टता की स्थिति बन रही है। इतना ही नही कैंसर के मरीजों का सही तरह से इलाज ना होने से मौत के आकंड़े तेजी से बढ़ सकते है। इसी बात को लेकर अब नवजोत कौर सिद्धू नोटिस भेजी गया है। और नोटिस में कहा गया है कि अगर सिद्धू सात दिनों के अंदर अपने बयान पर माफ़ी नहीं मांगते या वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित दस्तावेज पेश नहीं करते हैं, तो अदालत की शऱण लेगें।

टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल ने  घरेलू नुस्खों से कैंसर के इलाज के होने वाले दावों को खारिज करते हुए कहा है कि ऐसे दावों का समर्थन करने वाला कोई वैज्ञानिक डेटा नहीं है। हॉस्पिटल ने लोगों से कैंसर के लक्षण दिखने पर तुरंत इसका इलाज किसी पेशेवर चिकित्सा से लिए जाने का आग्रह किया है। सिद्धू के दावों का चिकित्सा बिरादरी ने कड़ा विरोध किया है। यह मामला अब कानूनी रूप ले सकता है।