नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर आपको ऐसे ऐसे वीडियो देखने को मिलते है। जो कुछ हैरान करने वाले होते है तो कुछ सीख देने वाले होते है। जंगला जानवरो से जुड़े वीडयों तो हमें रोज ही देखन को मिलते है जो अपने लाइफ सर्कल को बने रखने के ले दूसरे जीवों के कच्चा खा जाते है। जिसके चलते इंसान इससे कोसो दूर रहते है।
लेकिन इस समय सामने आया एक मामला दिल दहला देने वाला है। जिसमें जिम्बाब्वे के एक घने जगंल में एक आठ साल का लड़का लोगं को भटकते हुए मिला। यह बच्चा 5 दिनों से खतरनाक जंगली जानवरों से भरे जंगल में खो गया था और अकेले ही इस जंगल के अंदर 5 दिनों से भटक रहा था।
इसी गांव से लगभग 50 किलोमीटर दूरी पर वहां के रेंजर ने उसे भटकता हुआ देखा तो हैरान रह गए। किसी तरह से उस बच्चे को अपने कब्जे में लेकर उसे पास ही के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसके बाद उसे उसके परिजनो को सौप दिया गया।
द मेट्रो के अनुसार टिनोटेंडा पुंडू नाम का एक 8 साल का लड़का 27 दिसंबर को अपने घर से बाहर खेलने के लिए गया था और खेलते खेलते जंगल की ओर चला गया। जगंल में बाहर निकलने का रास्ता ना मिलने से वो वही भटकता रहा। उसके परिवार ने उसे ढूंढ़ने की बहुत कोशिश की लेकिन वह नाकाम रहे।
गांव के पास जंगली जानवरों का झुंड हमेशा आता है जिससे लोग जंगल की ओर जाने से डर रहे थे। इसके लिए गांव वालों ने रेंजरों की मदद ली। और बच्चे की खोज शुरू की। 5 दिनों के बाद बच्चा अपने गांव से लगभग 50 किमी दूर माटुसाडोना नेशनल पार्क में कमजोर हालत में रेंजरों को मिल गया।
रेंजरों ने जब ससे पूछा कि वो इतने दिन कैसे जीवित रहा तो बच्चे ने बताया कि पीने के पानी के लिए नदी किनारे गड्डे खोदता था और खाने के लिए जंगली फलों को खाता था। जंगल में त्स्वानजवा फल ज्यादा पाए जाते है, इसलिए उसे जिंदा रहने में आसानी हुई। अब इस बच्चे की साहस की चर्चा पूरे सोशल मीडिया पर हो रही है। लोग बच्चे की तारीफ करते नही थक रहे हैं।