आपको बता दें की राजस्थान में कांग्रेस ने BAP यानि भारत आदिवासी पार्टी से गठबंधन करने की घोषणा कर दी है। इस गठबंधन से बीजेपी को काफी हानि होने की संभावना है। बताया जा बीजेपी के मिशन 25 में इससे सेंघ लग सकती है। बता दें की कुछ दिन पहले सीकर तथा नागौर की सीट को कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के लिए छोड़ दिया था लेकिन अब डूंगरपुर-बांसवाड़ा से प्रत्याशी को नहीं उतारने की घोषणा कर दी है। जानकार लोगों का कहना है की गहलोत बाप से गठबंधन के लिए राजी थे और उनके दबाव के चलते ही पार्टी आलाकमान ने बाप से गठबंधन किया है हलके स्थानीय नेता लोग इसके विरोध में थे।
बीजेपी को मिलेगी टक्कर
बताया जा रहा है की गहलोत के इस डाव से बीजेपी के क्लीन स्वीप पर विराम लग सकता है और राजस्थान में 7 से 8 सीटें बीजेपी के हाथ से निकल सकती है। चूरू, सीकर, झुंझुनू आदि कई स्थानों पर पेंच फंस सकता है। अब इस बात में संशय नजर आ रहा है की मोदी और शाह की जोड़ी राजस्थान में कांग्रेस को जीरो पर आउट कर सकेगी। आपको जानकारी दे दें की 2019 में जब सचिन पायलट की बगावत से राजस्थान में कांग्रेस के गिरने का ख़तरा बढ़ गया था तब बाप के विधायकों ने कांग्रेस का समर्थन किया था। इसी लिहाज से गहलोत बाप से गठबंधन करने के इच्छुक थे।
दोनों को मिल सकता है लाभ
राजनीतिक जानकारों की मानें की इस गठबंधन से कांग्रेस तथा बाप दोनों को लाभ मिल सकता है। आदिवासी क्षेत्रों में बाप का विशेष प्रभाव माना जाता है। इसके अलावा उदयपुर संभाग की सीटों पर भी कांग्रेस को सीधा लाभ मिलता दिखाई पड़ रहा है। जानकार बताते हैं की वागड़ क्षेत्र में कांग्रेस की लगातार टूट को देखते हुए ही गहलोत शुरू से बाप से गठबंधन की रूपरेखा को तैयार कर रहें थे ताकी कांग्रेस को डैमेज कंट्रोल किया जा सके। अब कांग्रेस लगातार क्षेत्रीय पार्टियों से गठबंधन कर रही है।
क्यों किया BAP से गठबंधन
जानकार बताते हैं की महेन्द्रजीत सिंह मालवीय आदिवासी क्षेत्र के कांग्रेस के दिग्गज नेता थे। वागड़ क्षेत्र में उनका काफी प्रभाव है। लोकसभा चुनाव से पहले उनका पार्टी को छोड़ना तथा कई कांग्रेसी नेताओं का बीजेपी में जाना कांग्रेस की चिंता का कारण बन चुका है। लिहाजा अब कांग्रेस ने आदिवासी पार्टी बाप से अपना गठबंधन कर इस कमी की पूर्ति की है। लेकिन इस गठबंधन को लेकर कांग्रेसी नेताओं की राय काफी विपरीत है। उनका गठबंधन के कारण कांग्रेस कमजोर पड़ेगी हालांकि बाप से गठबंधन कर कांग्रेस ने भप को कड़ी चुनौती दी है।