आपको बता दें की माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले हिमकोटी ट्रैक पर भूस्खलन हो गया। इस हादसे में कई लोगों की जान चली गई। ख़बरों की माने तो यह घटना 2 सितंबर को दोपहर 2:35 बजे पंछी के पास में हुई, जो की मुख्य मंदिर से करीब 3 किमी दूर है। वर्तमान में ट्रैक पर यात्रियों की आवाजाही को रोक दिया गया है।
अधिकारी लोगों का कहना है की भूस्खलन का प्रभाव काफी गंभीर था और इसी कारण कई लोगों की जान जा चुकी है। बताया जा रहा है की मलबे के नीचे भी कई तीर्थ यात्री दबे हो सकते हैं। यदि आप भी माता वैष्णो देवी मंदिर जाने की प्लानिंग कर रहें हैं तो आप वहां जान ऐसे पहले वहां की सुरक्षा गाइड लाइन को जरूर जांच लें।
बचाव कार्य हुआ शुरू
इस हादसे के बाद से ही “माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड” ने राहत और बचाव कार्य को शुर कर दिया है। घायल लोगों की सहायता करने तथा बचाव प्रयासों में सहायता करने के लिए श्राइन बोर्ड ने घटना स्थल पर एक डिजास्टर मैनेजमेंट टीम को भेज दिया है। श्राइन बोर्ड के सीईओ ने कहा है की भूस्खलन के साथ में पत्थर भी नीचे गिरे थे। इस कारण से बचाव टीम के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं हालांकि मंदिर के नए ट्रैक पर अभी तीर्थ यात्रियों की आवाजाही को रोक दिया गया है।
किस ट्रैक से यात्रा कर सकेंगे तीर्थ यात्री
माता वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा करने वाले यात्रियों को सलाह दी जाती है की वे श्राइन बोर्ड द्वारा जारी किये गए सभी दिशा निर्देशों के बारे में जानकारी रखें तथा अपनी सुरक्षा का भी ख्याल रखें। वर्तमान में मंदिर तक जाने वाला नया ट्रैक फ़िलहाल बंद कर दिया गया है हालांकि पुराने ट्रैक से यात्रा अभी भी जारी है। अतः जो यात्री मंदिर में दर्शन करने जा रहें हैं, वे वर्तमान में पुराने ट्रैक से यात्रा कर मंदिर तक जा सकते हैं।
पहले भी हो चुके हैं हादसे
वर्तमान समय की बात करें तो बता दें की भूस्खलन के कारण नए ट्रैक पर आवाजाही को रोक दिया गया है तथा बचाव कार्य जारी है। प्रशासन ने तीर्थयात्रियों से सावधानी बरतने तथा मंदिर की और जाने वाले मार्ग की स्थिति को देखते हुए आगे बढ़ने को कहा है। बता दें की पिछले 20 दिन में यह भूस्खलन दूसरी बार हुआ है।
इससे पहले 15 अगस्त को दक्षिणी देवरी के पास मंदिर मार्ग पर ही भूस्खलन हुआ था। आपको बता दें की प्रतिवर्ष वैष्णों देवी मंदिर में लाखों भक्त माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। वर्ष 2023 में 9.35 मिलियन भक्तो ने माता के दर्शन किये थे। पिछले 1 दशक की बात करें तो 2023 में भक्तो की संख्या सबसे ज्यादा रही जब की 2013 में 9.324 मिलियन भक्तो में मंदिर में दर्शन किये थे।