नई दिल्ली: सौर मंडल में ऐसे कई ग्रह है जहां वैज्ञानिक जीवन की तलाश कर रहे है। जिसमें चन्द्रमा से लेकर मंगल ग्रह में भी जीवन जीने की उम्मीदें जागी है। लेकिन इससे पहले वैज्ञानिकों ने ऐसे ग्रह को खोज निकाला है। जिसमें धरती के समान जिंदगी जीने की संभावना देखी जा रही है। यह ग्रह धरती से लगभग 12 प्रकाश वर्ष दूर है। यह ग्रह एक तारे का चक्कर लगा रहा है। वैज्ञानिकों ने  इस ग्रह में भी धरती के समान चुंबकीय क्षेत्र होने की संभावना जताई  है। इस ग्रह का नाम YZ Ceti b है, जिसे वैज्ञानिकों ने पृथ्वी 2.0 का नाम दिया है। सौर मंडल के बाहर जो ग्रह तारे का चक्कर लगाते है उस ग्रहों को एक्सोप्लैनेट कहते हैं।

खगोल वैज्ञानिकों का मानना है कि YZ Ceti b से लगातार धरती जैसे चुंबकीय क्षेत्र के होने के सकेंत मिल रहे हैं, जिससे वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि वहां पर जीवन संभव हो सकता है। इस ग्रह में चुंबकीय क्षेत्र का होना इस जगह पर रहने योग्य बनाने वाला सबसे बड़ा कारक है।

शोधकर्ताओं का मानना है कि YZ Ceti b ग्रह पर चुंबकीय क्षेत्र का संकेत मिलना उस ग्रह पर जीवन होने का संकेत दे सकती है। अमेरिका के कोलोराडो विश्वविद्यालय के खगोलविद सेबस्टियन पिनेडा और बकनेल विश्वविद्यालय से जुड़े हुए खगोलविद जैकी विलाडसन ने इस ग्रह से मिल रहे संकरेत का खुलासा किया है। इसके लिए उन्होंने कार्ल जी जांस्की वेरी लार्ज एरे नाम की दूरबीन का इस्तेमाल किया है।

कोलोराडो विश्वविद्यालय के खगोल भौतिकविद सेबस्टियन पिनेडा का कहना है कि कोई ग्रह वायुमंडल के साथ जिंदा रहता है या नहीं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि इस ग्रह में एक मजबूत चुंबकीय क्षेत्र है या नहीं।

मजबूत चुंबकीय  के क्या लाभ

मजबूत चुंबकीय क्षेत्र का होना इस ग्रह पर रहने की उम्मीद जगाता हैं क्योंकि इस ग्रह का चुंबकीय क्षेत्र उसके वातावरण को उसके तारे से निकलने वाले कणों के प्रभाव को रेकने का काम करता है।  पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र भी इसी तरह से काम करता है, जो धरती पर आने वाली सूर्य की खतरनाक ब्रह्मांडीय किरणों को सीधे टकराने से रोकता है। चूंकि चुंबकीय क्षेत्र अदृश्य होते हैं, ऐसे में यह निर्धारित करना चुनौतीपूर्ण है कि क्या वास्तव में यह किसी दूर के ग्रह से आ रहे हैं। खगोलविद पृथ्वी के आकार के ऐसे ग्रहों की तलाश कर रहे हैं जो वास्तव में अपने सितारों के करीब हों, ऐसी दूरी पर पर रहने योग्य जीवन मिल सके।