Indian Army SUV: भारतीय सेना अपने उपयोग के लिए विभिन्न वाहनों का उपयोग करती है, जिनमें मारुति की जिप्सी एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इस वाहन का पहला उपयोग 1991 में किया गया था। सेना एंबुलेंस के रूप में टाटा की सूमो का भी उपयोग करती है। महिंद्रा स्कॉर्पियो भी सेना के उपयोग के लिए माननीय है। हाल ही में, सेना ने टोयोटा की हिलक्स एसयूवी को अपने अनुभवी बेड़े में शामिल किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास दुनिया की सबसे सुरक्षित एसयूवी का गर्वभास है, और उनके साथ है इसकी खूबियां।
सेना के प्रतिनिधि ने बताया: Indian Army SUV
सेना के प्रतिनिधि ने बताया कि ये वाहन सेना की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन वाहनों का उपयोग सेना के सुरक्षा और आपातकालीन परिस्थितियों में साथी के रूप में भी किया जाता है। मारुति की जिप्सी को सेना ने अपने लंबे सेवानिवृत्ति में एक आपूर्ति स्त्रोत के रूप में देखा है। इसकी अद्वितीय दक्षता और संवर्धनशीलता के कारण, यह एक सुरक्षित और विश्वसनीय वाहन बनता है, जिसका सेना द्वारा उपयोग बढ़ते समय में बेहद महत्वपूर्ण हो गया है।
टाटा की सूमो, जिसे सेना ने अंबुलेंस के रूप में उपयोग किया है, आपातकालीन परिस्थितियों में चिकित्सीय सेवाओं के लिए अत्यधिक उपयुक्त साबित हो रही है। इसकी सुविधाएँ और तकनीकी गुणवत्ता सेना के स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतरीन तरीके से प्रदान करने में मदद करती हैं। महिंद्रा स्कॉर्पियो, जो एक स्थिर और शक्तिशाली वाहन है, सेना के विभिन्न कार्यों के लिए एक उत्तम विकल्प है। इसकी दमदार प्रदर्शन क्षमता और टफ स्टील बॉडी सेना को विभिन्न चुनौतियों से निपटने में मदद करते हैं।
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हाल ही में, सेना ने टोयोटा की हिलक्स एसयूवी को भी अपने वाहनों की गिनती में शामिल किया है। इसे सेना के प्रमुख ने ‘दुनिया की सबसे सुरक्षित एसयूवी’ के रूप में ताकीद की है