नई दिल्ली। प्राकृतिक संपदा से भरपूर भारत में ऐसी कई जगह है जो अपनी खूबसूरती से दूर देश के लोगों को भी अपनी ओर आकर्षित करती है। फिर चाहे बात भेड़ाघाट की हो, या फिर पहाड़ों से घिरे सतपुड़ा के जगंल की। लोग इस जगह को देखने के लिए दूरदूर से आते है। लेकिन इनके बीच मध्यप्रदेश का एक वाटरफॉल चर्चा का विषय बना हुआ है। क्योकि चारों ओर कुदरत के द्वारा रची गई खूबसूरती से भरे वाटरफॉल का लोग लुत्फ नहीं उठा सकतेहै।
मध्यप्रदेश के रीवा जिले का वाटरफॉल आपकी खूबसूरती से जाना जाता है। बारिश के मौसम में यहां पहाड़ों से गिरता पानी इसकी सुंदरता में चार चांद लगा देती है। यह वाटर फॉल जंगल के बीच में स्थित है। इस की सीढ़ियां बेहद कमजोर हो चुकी हैं। जो भारी बारिश में लोगों के लिए सुरक्षित जगह नही है। इसलिए इस जगह को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है।
कई बार चोरी-छिपे पर्यटकों यहां का लुफ्त उठाने के लिए घुसने की कोशिश करते है लेकिन यहां आदेश जारी किया गया है कि इस वाटर फॉल के अंदर यदि कोई भी इंसान घूमने के लिए ता है तो उसके खिलाफ एफआईआर की जाएगी. हालांकि पर्यटन विभाग लगातार यह कह रहा है कि जिले के खूबसूरत टोंस वॉटरफॉल को फिर से पर्यटकों के लिए खोला जाएगा.
दावा किया जा रहा है कि वन विभाग की ओर से अब लोगों की सुरक्षा को देखते हुए अन्य इंतजाम के लिए कवायद शुरू कर दी है, जिससे इस स्थान को पर्यटकों के लिए सुरक्षित किया जा सके। अब इस वाटर फाल के सौंदर्यीकरण व अन्य सुरक्षा इंतजाम के लिए ईको पर्यटन विभाग से राशि मिल चुकी है। .
इससे पहले इस वॉटर फाल के सौंदर्यीकरण के लिए 35 लाख रुपए खर्च किया चुका है। लेकिन घटिया निर्माण कार्य के चलते कुछ ही महीने में यहां की रेलिंग, कुर्सियां और सीढ़ियां टूट कर बिखर चुकी है। एक पर्यटक के घायल होने के बाद से अक्टूबर 2020 में इसे बंद कर दिया गया था। तब से लेकर आज तक यह बंद ही है.
इस वाटर फाल की कुदरत से बनी खूबसूरती देखने के लिए लोग बारिश में लोग दूर-दूर से आते थे। जिले के इस पिकनिक स्पॉट को नया रूप देने के लिए लाखों रुपए खर्च के बाद भी व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हुआ है।