नई दिल्ली। 2000 हजार के नोट के बंद होने के बाद से 500 रूपए को नोटों के छपने का सिलसिला अभी तेजी से चल ही रहा था, कि इस नोट छापने के काम में लगे अधिकारी के घोटाले का मामला सामने आ गया। जिसको सुनने के बाद सबकी आखें फटी की फटी रह गई।
मध्य प्रदेश के देवास जिले में स्थित बैंक नोट प्रेस में इन दिनों नोट छोपने का काम तेजी से चल रहा है। लेकिन इसी दौरान वहां के एक अधिकारी ने ऐसा घोटाला किया कि उसके दफ्तर से लेकर घर से 90 लाख 49 रुपये बरामद किए गए हैं। आरोपी को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है।
बैंक नोट प्रेस थाने के प्रभारी उमराव सिंह ने बताया कि शुक्रवार सुबह प्रेस में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों को डिप्टी कंट्रोल अधिकारी मनोहर वर्मा की कुछ गतिविधियां संदिग्ध लगीं। जब उनके जूतों की तलाशी ली गई तो उनके जूते के अंदर से दो सौ के नोट की गड्डी निकली।
सिंह ने बताया कि वर्मा के दफ्तर और घर की तलाशी ली गई तो कुल 90 लाख 49 हजार रुपये की रकम बरामद की गई। वर्मा के दफ्तर और घर से बरामद रकम में 500 रुपये और 200 रुपये के नोट मिले हैं, जिनकी छपाई इस बैंक नोट प्रेस में होती है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार कि वर्मा के ऑफिस से 26 लाख 49 हजार रुपये बदामद किए गए तो वहीं घर से 64 लाख रुपये की बरामदगी हुई। वर्मा को शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें 22 जनवरी तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
आरोपी ने इस बात का ऱुसाला किया है कि नोट की चोरी वो पिछले तीन माह से कर रहे हैं। उन्हें जब भी मौका मिलता, वह अपनी शर्ट व जूते में नोट छुपाकर ले जाता थे जूतों में वह खास तरह से नोट की गड्डी को फंसाता था, ताकि चलने में किसी को किसी भी तरह का शक ना हो। उमराव सिंह ने बताया है कि आरोपी के पास से जो नोट बरामद हुए हैं, उनमें काफी कुछ तकनीकी खामियां हैं, मगर उन्हें बाजार में आसानी से चलाया जा सकता है।