नई दिल्ली। इन दिनों मोबाइल पर काफी सारे एप देखने को मिलते है जो यूजर्स की सुविधा को देखते हुए बनाए गए है जिसमें से देश की आधे से ज्यादा अबादी वॉट्सऐप का उपयोग करती है। जिसमें कंपनी नए नए अपडेट करती रहती है। लेकिन इन दिनों वॉट्सऐप को लेकर एक मैसेज जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि जल्द ही एक नए नियम लागू होने जा रहे हैं, जिसके तहत सरकार सभी के कॉलस पर अपनी पैनी नजर रखते हुए फेसबुक, वॉट्सऐप और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया साइट पर बारीकी से नजर रखेगी।
वायरल मैसेज में ये भी दावा किया गया है कि अगर जो व्यक्ति सरकार या प्रधानमंत्री के खिलाफ और धार्मिक या राजनीतिक से जुड़े मुद्दे पर गंदे गंदे कमेट्स करता है तो उसके खिलाफ बिना वारेंट के कानूनी कार्यवाही कर सकती है।
हालांकि, सोसळ मीडिया पर वायरल हो रहा यह मैसेज काफी पुराना है। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले यह मैसेज अंग्रेजी भाषा में वायरल हुआ था अब हिंदी में भेजा जा रहा है। लेकिन आपके इसके पीछे की सच्चाई के बारे में बता दें, कि वायरल हो रहे मैसेज के दावे सब गलत हैं। क्योंकि सरकार ने ऐसे कोई नियम जारी नही किया हैं।
📣 सोशल मीडिया पर साझा किए जा रहे एक फोटो के माध्यम से यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि भारत सरकार द्वारा 'नए संचार नियम' के तहत सोशल मीडिया और फोन कॉल की निगरानी की जाएगी#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) February 21, 2024
❌ भारत सरकार द्वारा ऐसे कोई नियम लागू नहीं किए गए हैं
✅ ऐसे किसी #फर्जी सूचना को शेयर न करें pic.twitter.com/RA7JHn7BKI
वायरल पोस्ट में न बातों पर किया जा रहा था दावा
व्हाट्सएप और फोन कॉल के लिए नए संचार नियम कल से लागू होंगे :–
सभी कॉल रिकॉर्ड किए जाएंगें।
व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर पर सरकार अपनी नजर रखेगी।
आपके उपकरण मंत्रालय प्रणाली से जुड़े होंगे।
सावधान रहें कि किसी को गलत संदेश न भेजें।
राजनीति या मौजूदा हालात पर सरकार या प्रधानमंत्री के सामने आपका कोई ऑडियो… मत भेजो।
वर्तमान में किसी भी राजनीतिक या धार्मिक विषय पर संदेश लिखना या संदेश भेजना अपराध है… ऐसा करने पर बिना वारंट के गिरफ्तारी हो सकती है।
पुलिस नोटिफिकेशन जारी करेगी… फिर साइबर क्राइम… फिर होगी कार्रवाई।
सावधान रहें कि गलत संदेश न भेजें
कृपया इसे साझा करें।
सरकार ने दावे को बताया फर्जी
इसमें हुई जांच के बाद वायरल हो रहा यह पोस्ट फर्जी बताया जा रहा है केंद्र सरकार द्वारा इस तरह का कोई नियम लागू नहीं किया गया है।