नई दिल्ली। हमारे देश की कर्मभूमि में ना जाने कितने महान योगी संतों ने जन्म लिया हैं। जिनमें से कई तरह की सिद्धि योग शक्तियों से संपन्न योगी में श्री प्रभाकर सिद्ध योगी का नाम भी शामिल है। जिन्होने 723 साल की उम्र जीने के बाद साल 6 अप्रेल 1986 को उन्होने अपना देह त्याग दिया था लेकिन इस बीच उन्होने 17 बार अपने शरीर को बदलकर एक नया शरीर घारण किया था। इस योग विद्या को प्रकाय कहा जाता है। इनका जन्म 1263 में अकाबोर मना में हुआ था। जब श्री प्रभाकर मात्र 9 साल के थे तब स्वयं भगवान शिव जी ने उन्हें दर्शन देकर उन्हें हिमालय की गुफाओं में ले गए थें।
जहा पर कहरकर सालों तपस्या करके योगी जी ने हस्त योग अष्टम योग जैसी कई क्रियाए सीखी। एक लबें समय तक योग करते रहने के दौरान उन्हे कई तरह की सिद्धियां प्राप्त की। बाबा अपनी योग शक्तियों से अपने भक्तों के अंदर चल रहे दुखों को जानकर उनका निवारण कर देते थे।
श्री प्रभाकर सिद्ध योगी अपनी चैतन्य शक्ति योग से भविष्य बता सकते थे। लोगं के अंदर चल रहे भेदों का जान सकते थे। लोगों के विचार पढ़ सकते थे। कई लोगों ने तो उन्हें ज्ञान मुद्रा में हवा में उड़ते हुए भी देखा था।