नई दिल्ली:महाराष्ट्र में तीसरी बार देवेंद्र फडणवीस अपनी सरकार बना चुके है। मंत्री बनने के बाद राज्य में मंत्रिमंडल का विस्तार भी हो चुका है। और सभी मंत्रियों को उनके पद के अनुसार कमरे भी दिए जा रहे हैं। लेकिन मंत्रीमंडल के कमरों में एक कमरा लोगों के बीच दहशत का कारण बना हुआ है जिसके चलते इस कमरे को कोई भी जाना नही चाहता है। इस कमरे से जुड़ा अंधविश्वास लोगों की चिंता का कारण बन हुआ है।
कहा जाता है कि जो भी मंत्री इस कमरे में बैठता है, उसके साथ या तो अनहोनी हो जाती है, या फिर उसे किसी कारण से अपने पद से हाथ धोना पड़ जाता है। ये कमरा नंबर 602 है। जो बना है एक रहस्य का कारण…
कमरा नंबर 602 की सच्चाई
मंत्रालय के विभाजन के बाद सभी मंत्रियों को कमरे दिए जा हैं। जिसमें कमरा नंबर 602 को की भी मंत्री नही लेना चाहता है। जिसके पीछे का कारण दिलचस्प है, जिन्हें हम विस्तार से जानते हैं.
साल 1999 में जब महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार बनी थी, तब छगन भुजबल को यह कमरा नंबर 602 दिया गया था, मगर 2003 में वो करोड़ों के फर्जी स्टांप घोटाला में फस गए। और गिरफ्तारी के बाद उन्हें स पद से हाथ धोना पड़ा।
इसके बाद कांग्रेस-एनसीपी की सरकार में उनकी जगह अजित पवार को दी गई थी। तो यग कमरा भी उन्हें ही मिला था। लेकिन अजित पवार भी किसी विवाद के चलते जेल जाने से बच गए। लेकिन इस विवाद के चलते उन्हें भी अपने पद से हाथ धोना पड़ा।
साल 2014 में भाजपा-शिवसेना की गठबंधन की सरकार बनी। तो एकनाथ खड़से मंत्री बनें। तब उन्हें यह कमरा नंबर 602 दिया गया। लेकिन वो भी भूमि विवाद में फंसने के चक्कर में पद से हट गए। इसकी तरह से कई मंत्री इसके बाद आए और पद संभालते ही चले गए ।
अब मंत्रियों में यह धारणा बन गई है, इस कमरे को जो लेता है, वो पद से या फिर जिंदगी से हाथ धो बैठता है। इसके लिए यह भी कहा जाता है कि महाराष्ट्र का कोई भी सीएम अपना कार्यकाल पूरे नहीं कर पाता है। हालांकि, 2014 में देवेंद्र फडणवीस ही ऐसा मंत्री रहे है जिन्होंने बिना किसी बाधा के अपना कार्यकाल पूरा किया है।और इस मिथक को तोड़ दिया है।