नई दिल्ली। Premanand Maharaj: वृंदावन के प्रख्यात संत प्रेमानंद महाराज (Premanand Ji Maharaj) आज के समय में सबसे चर्चित संतों में एक है जिनके सत्संग सुनने के लिए लोग दूर दूर से आते है। वे अपने उपदेशों के माध्यम से लोगों की ईश्वर से जुड़ने और जिंदगी में सही दिशा दिखाने का काम करते हैं। उनके दरबार में आकर लोग अपनी जिज्ञासाओं का समाधान कराने पहुचते हैं। महाराज के इन्ही गुणों के चलते अब उनके दरबार साधारण लोग से लेकर बड़े बड़े सेलिब्रिटी क्रिकेटर विराट कोहली, अनुष्का शर्मा, ग्रेट खली, आसएसएस प्रमुख मोहन भागवत, सिंगर मीका सिंह समेत लोग पहुंच चुके हैं। लेकिन दूसरों के मन को संतुष्य करने वाला यह संत अपने शऱीर के प्यास बुढाने में असमर्थ है। वे आधी रोटी का खाकर जिंदगी गुजार रहे है। जाने इसके पीछे की वजह
क्यों पानी नहीं पी पा रहे प्रेमानंद महाराज
अभी हाल में एक वीडियो तेजी से वायरल हा था जिसमें वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज ने बताया कि खानें में कमी होने के साथ अब उनका पानी पीना भी मुश्किल हो गया हैंय़ किडनी खराब होन के बाद वो जब से डायलिसिस ले रहे है तब से अस्पताल के डॉक्टर्स ने उन्हें ज्यादा पानी पीने से सख्त मना कर रखा है। वह रोजाना रात में 12.30 बजे उठते हैं और रात 2 बजे राधा केलीकुंज के लिए निकल जाते हैं
प्यास लगने पर क्या करते हैं प्रेमानंद महाराज
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि जब वो प्रवचन देन के लिए बैठते है तो लगातार बोलने पर उनका गला सूख जाता है। उन्हें काफी प्यास लगती है। लेकिन पानी पीने की मनाही होने के चलते उनके पास खड़े चेले भी उन्हें पानी नही देते है। इसकी जगह वो गीला कपड़ा अपने पास रखते हैं। और उसे मुंह पर लगाकर प्यास को बुझाने की कोशिश करते हैं।
पूरे दिन बस इतना पानी पीते हैं महाराज
प्रेमानंद महाराज ने बताया ‘कभी जब उनकोकाफी प्यास लगती है तो वे एक छोटे सा पात्र से पानी पीते हैं। जो चाय के कुल्हड़ से भी छोटा होता है। उसमें लगभग 50 मिली पानी बड़ी मुश्किल से आता है। और एक नार्मल स्टील के गिलास में 25-300 मिली पानी आता है. उनके लिए दिनभर में भी एक स्टील के गिलास से भरा पानी पीना भी मुश्किल हो गया है.
डायलिसिस में क्यों नहीं दिया जाता है पानी?
चिकित्सकों के अनुसार जब किसी की किडनी खराब हो जाती है तो उस दौरान उनका यूरिन बनना भी बंद कर देती हैं,. डायलिसिस के ज्यादातर मरीज हफ्ते में 3 बार डायलिसिस करवाते हैं, इसलिए इस परेशानी से बचने के लिए तरल पदार्थों का सेवन कम कर दिया जाता है। जिन मरीजों को यूरिन पास हो रही होती है तो वह लिक्विड की मात्रा डॉक्टर्स की सलाह के बाद बढ़ा सकते हैं। डायलिसिस की जरूरत उन नरीजों को पड़ती है जिनकी दोनों किडनी पूरी तरह से फेल हो चुकी हो।