नई दिल्ली। High School Love: 16 से 17 साल की उम्र ऐसी होती है जब बच्चो में कई शारीरिक परिवर्तन देखने को मिलते है। इस दौरान पढ़ाई के दौरान बच्चों का आकर्षण साथ में पढ़ने वाली छात्रांओं की ओर बढ़ने लगता है। हाई स्कूल में लड़के लड़किंयों के दिलों की धड़कनें बढ़ने लगती हैं, भावनाएं उमड़ती हैं. लेकिन ऐसा क्या है कि युवावस्था के दौरान किए जाने वाला प्यार मात्र कुछ समय का होता है। और बाद में ठंडा पड़ जाता है। आखिर क्यों (why relationships fail)? आइए जानते है इसके पीछे के कारण के बारे में..
हाई स्कूल का प्यार क्यों नही होता है सफल?
बदलाव-
हाई स्कूल के दौरान होने वाला आकर्षण तेजी से हो रहे शारीरिक बदलाव के कारण होता है। जिसमें हार्मोंन्स में काफी बदलाव आता है। जिससे व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप में बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं। जिससे लड़के लड़कियो का व्यवहार, पसंद, के सात रहन के तरीके बदल जाते है। ऐसे में रिश्ते भी बदल जाते हैं और कई बार टूट भी जाते हैं।
अनुभव की कमी-
हाई स्कूल में पड़ रहे बच्चों में उस दौरान रिश्तों का अनुभव बहुत कम होता है। जिससे उन्हे इस उम्र में संभालने की जरूरत काफी होती है। ऐसे समय में बच्चों में आकर्षण का बढ़ना मात्र कुछ समय के ले होता है। इसलिए ये रिश्ते टूट जाते हैं।
दबाव-
हाई स्कूल में किया गया प्यार लंबे समय तक इसले नही चल पाता है क्योकि इस उम्र में पढ़ाई, करियर के साथ दोस्तों का दबाव ज्यादा देखन को मिलता है। इन सभी जिम्मेदारियों के चलते यह रिशता कम समय तक चलता है। प्यार के साथ-साथ अन्य को भी निभाना मुश्किल हो जाता है।
नए रिश्तों का बनना –
हाई स्कूल के बाद लड़के लड़कियां कॉलेज में प्रवेश करते हैं, जहां नए लोगों से दोस्ती होती है। और स दोस्ती में पुरानी दोस्ती कमजोर पड़न लगती है। जो उनके प्यार के टूटने का वजह बन जाती है।
इमेच्योरिटी-
हाई स्कूल के बच्चें पूरी तरह से भावनात्मक रूप से मेच्योर नहीं होते हैं। और उस दौरान लिए जाने वाले फैंसले गलत साबित होते है। जो उनके रिश्तों के टूटने की वजह बनते है।
माता-पिता और समाज का दबाव-
इस छेटी सी उम्र में बनने वाले रिश्ते बच्चों का भविष्य खराब ना कर दें इसके लिए माता-पिता इसे खत्म करने पर जोर डालते है। समाज के साथ साथ माता-पिता ऐसे रिश्तों से खुश नहीं होते हैं, ऐसे में बच्चों को अपने रिश्ते तोड़ने पड़ जाते हैं।