नई दिल्ली। बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में भले ही रोमांस देखने को ज्यादा ना मिलें, लेकिन कहानी में इतना दम रहता है कि लोग ऐसी फिल्मों को बार बार देखना पसंद करते है। इस समय बॉलीवुड की फिल्म  ‘पुष्पा’ इन दिनों काफी चर्चा में है। जिसने हर इंडस्ट्री को हिला कर रख दिया है।

अब इस फिल्म की बढ़ती लोकप्रियता को देख भोजपुरी सिनेमा की पॉपुलर एक्ट्रेस अक्षरा सिंह ने अपनी इंडस्ट्री के गिरते स्तर को लेकर कई बड़े खुलासे किए है।

हाल ही में एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में एक्ट्रेस अक्षरा सिंह ने भोजपुरी इंडस्ट्री को लेकर कई मुद्दों पर बात की। जब उनसे पूछा गया कि ज्यादातर लोग भोजपुरी फिल्मों को अच्छा क्यों नहीं मानते हैं तो इसमें क्या सुधार करना चाहिए? इस पर अक्षरा सिंह ने बिना डरे एक ऐसा जवाब दिया जो हैरान करने वाला था।

भोजपुरी सिनेमा से क्या है अक्षरा सिंह को शिकायत?

इंटरव्यू में अक्षरा सिंह से पूछा गया कि किन लोगों के आने से भोजपुरी इंडस्ट्री का स्तर नीचे गया? इसके जवाब में अक्षरा सिंह ने कहा, ‘ उनका नाम बताने की जरूरत ही नही है। वो हर कोई जानता है कि किन लोगों ने इस इंडस्ट्री का स्तर इतना गिराया है।

अक्षरा सिंह ने बताया- इस फिल्म में हमेशा टिके रहने वाले वो लोग भोजपुरी का नाम से इतना पैसा कमा रहे हैं तो फिल्मों और गानों को उस स्तर पर क्यों नहीं बना सकते है। मेरी इन लोगों से यही विनती है कि अगर भोजपुरी के नाम को बढ़ाना चाहते है तो ऐसी बेहतर फिल्में बनाओ, जिसे हम फैमिली के साथ बैठकर देख सकें। निचले स्तर की फिल्में समाज के गंदा करने का काम करती है।

भोजपुरी सिनेमा में कैसे हो सकता है सुधार?

इंटरव्यू में अक्षरा सिंह से पूछा गया, ‘भोजपुरी सिनेमा का स्तर कब अच्छा रहा है? तो अक्षरा सिंह ने कहा, यह वह दौर था जब रवि जी (रवि किशन), मनोज जी (मनोज तिवारी) जैसे एक्टर हुआ करते थे। साउथ से नगमा जी, रम्भा जी जैसी एक्ट्रेसेस ने इन फिल्मों में काम किया था। इतना ही नही बॉलीवुड से अमिताभ बच्चन जी और हेमा मालिनी जी जैसा स्टार्स ने काम करके अच्छी फिल्में दी हैं, अब वो दौर जा चुका है।

अक्षरा सिंह ने कहा, ‘अगर हमारे यहां पुष्पा जैसी एक फिल्म बन गई तो इस इंडस्ट्री के वारे-न्यारे हो जाएंगे। लेकिन ऐसी फिल्में इस इंडस्ट्री में बनना मुश्किल है, क्योकि इस इंडस्ट्री में सबको अपनी-अपनी जेब भरने से मतलब हैं, भले जिसके नाम पर आप पैसा कमा रहे , उसे लोग बुरा समझते रहें।’