नई दिल्ली: NEET क्वालीफाई करना हर परिवार का सपना होता है। नीट की तैयारी के लिए बच्चे जी-जान लगा देते हैं, लेकिन नोएडा में एक समोसा बेचने वाला लड़का NEET एग्जाम में 720 में से 664 नम्बर हासिल कर सभी को हैरानी में डाल दिया। लेकिन आर्थिक मजबूरी ने इस बच्चे की पढ़ाई में रोड़ा अटका दिया। यह नीट टॉपर अपनी मां के साथ समोसे बेचकर परिवार चलाने में मदद कर रहा था। लेकिन इसकी मदद के लिए फिजिक्स वाला कोचिंग के संचालक अलख पांडेय ने मदद का हाथ बढ़ाया।
आपको बता दे समोसे का ठेला लगाने वाले 18 वर्षीय सनी ने नीट यूजी एग्जाम में घर की जिम्मेदारी संभालते हुए ऑनलाइन पढ़ाई करते हुए 720 में से 664 अंक हासिल किया जो एक रिकॉर्ड है। NEET क्वालीफाई करना लाखों बच्चों का ख्वाब होता है। हर साल कई लाख बच्चे नीट एग्जाम में अपीयर होते हैं लेकिन उनमें से गिने चुने बच्चे ही क्वालीफाई कर पाते हैं। लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए हॉस्टल का खर्चा और किताबें हमेशा रोड़ा अटकाती हैं।
ऐसे बच्चे एग्जाम तो क्वालिफाई कर लेते हैं, लेकिन आगे की पढ़ाई करना उनके लिए तेढी खीर होती है। सनी के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ लेकिन शनि की किस्मत तेज है उन्हें फिजिक्स वाला के फाउंडर अलख पांडे ने मदद की। लेकिन हजारों ऐसे बच्चे हैं जिन्हें मदद नहीं मिलती और वह थक हार कर बैठ जाते हैं।
यदि एजुकेशन लोन की बात करें बैंकों में ऐसी व्यवस्था है की लोन केवल पढ़ाई के लिए मिलता है बच्चों के हॉस्टल के खर्च और महंगी किताबों के लिए बैंक लोन नहीं देता है। जिसकी वजह से कई होनहार बच्चे पढ़ाई छोड़कर घर बैठ जाते हैं। अलख पांडेय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट (X) पर इसकी जानकारी दी।
फिजिक्स वाला के फाउंडर अलख पांडे ने अपने X अकाउंट पर लिखा कि ‘मैं आर्थिक कमजोर बच्चों की पढ़ाई के लिए ₹100000 फीस वाले कोर्स को मात्र ₹4000 में डिजिटल संस्करण बच्चों को उपलब्ध कराकर सुविधा प्रदान कर रहा हूं। और बच्चे प्रतियोगी परीक्षाएं तो निकाल ले रहे हैं, लेकिन आर्थिक कमजोर होने की वजह से आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं।’
अलख पांडे ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लोगों से अपील की है कि ऐसे प्रतिभावान बच्चों की पढ़ाई के लिए समाज आगे आकर मदद करें, ताकि गरीबी की वजह से इन बच्चों की पढ़ाई ना रुकने पाए।