नई दिल्ली। राजस्थान में लोगों की कमाई का जरिया ऊंट होता है। जिसके पालन को लेकर सरकार इनकी काफी आर्थिक मदद करती आ रहाी है। किसान और पशुपालक लोग आर्थिक रूप से मजबूत रहे, इसके लिए सरकार उन्हें आर्थिक सहायता देती है। राज्य में ऊंटों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सके लिए सरकार ने  उष्ट्र संरक्षण योजना की शुरूआत की है। जिसके तहत टोडियों (ऊंट के बच्चे) के जन्म के अवसर सरकार द्वारा 5000-5000 रुपये की प्रोत्साहन राशि पशुपालकों को दो किश्तों में दी जाती है।

तेजी से घट रही ऊंटों की संख्या

देश से लेकर प्रदेश में लगातार तेजी से घट रही ऊंटों की संख्या को देखते हुए सरकार ने ऊंट पालन प्रोत्साहन राशि को बढ़ाने के फैसला लिया है। जिसमें आप उंट पालकों को10 हजार रूपए नही बल्कि बीस हजार रुपए दिए जाने की घोषणा की है। अब शिशु ऊंट के जन्म पर उसके एक वर्ष का होने के बाद पशुपालकों को 20 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

वर्ष 2012 में प्रदेश में हुई पशु गणना में इस राज्य में 3 लाख 25 हजार 713 ऊंट दर्ज किए गए थे, वहीं 2020 में हुई पशु गणना में ऊंटों की संख्या घटकर 2 लाख 12 हजार 739 रह गई। मतलब प्रदेश में ऊंटों की संख्या में एक लाख 12 हजार 974 कमी आई। इन्ही कमी को देखते हुए सरकार ने राशि को बढ़ाने का फैसला लिया है।

शिशु ऊंट के जन्म पर प्रोत्साहन राशि को दोगुनी करने से ऊंटों के संख्या में बढ़ोत्तरी देखन को मिलेगी