नई दिल्ली। आपकी जेब में भले ही 10 रूपए से लेकर 2000 रुपए तक के नोट रखे होगें। लेकिन यदि आपसे कोई नोट के विषय में जानकारी लेना चाहे, तो शायद ही आप बता पाएंगे। अक्सर जनरल नॉलेज से लेकर व्यवासियक परिक्षाओं में आपके पास रखे नोट के बारे में किसी भी तरह के सावल पूछ लेिए जाते है। जिसमें यह भी पूछा जाता है कि एक भारतीय नोट पर क्‍या-क्‍या छपा होता है। नोट पर कितनी भाषाएं छपी होती हैं,लेकिन इसका उत्तर काफी कम लोग ही दे पाएंगे।  चलिए आज आपको बताते हैं कि भारतीय नोट पर कितनी भाषाएं प्रिंट होती हैं और इन भाषाओं को छापने का कारण क्‍या है।

नोट पर होती हैं 17 भाषाएं

आपको बता दे कि एक भारतीय नोट पर 17 भाषाएं छापी गई हैं। जिसमें इंग्लिश और हिंदी भाषा सामने की तरफ होती हैं और बाकि 15 भाषाएं नोट के पीछे की तरफ प्रिंट की गई हैं। भारतीय संविधान में इनमें से किसी भी भाषा को राष्‍ट्रीय भाषा का दर्जा नहीं मिला और देश में 22 भाषाएं बोली जाती हैं।

नोट में शामिल ये भाषाएं

आपके नोट पर जो भाषाएं देखने को मिलेगी वो हैं-हिंदी, अंग्रेजी के अलावा असमी, बंगाली, गुजराती, कन्‍नड़, कश्‍मीरी, कोंकणी, मलयालम, मराठी, नेपाली, उड़‍िया, पंजाबी, संस्‍कृति, तमिल, तेलगु और उर्दू शामिल हैं। इसके आपके 2000 रुपए के नोट पर ब्रेल लिपि भी छपी होती है जो उन लोगों के लिए है जो आसानी से देख नहीं सकते हैं।

आजाद भारत का पहला नोट

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आजाद भारत में पहला नोट एक रुपए का पेश किया था. 30 नवंबर 1917 को एक रुपए का नोट ब्रिटिश शासन काल में आया था।