विधानसभा चुनाव में हालांकि राजस्थान ने अपनी सत्ता को गवां दिया है लेकिन आने वाले लोकसभा चुनाव में राजस्थान कांग्रेस बीजेपी से ज्यादा पीछे नहीं दिखाई पड़ रही है। आपको बता दें की गत विधानसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस ने बीजेपी के कब्जे वाली 11 सीटों पर बढ़त हासिल की है। अतः जानकार यह मानते हैं की आने वाले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस बीजेपी को क्लीन स्वीप नहीं करने देगी। पिछले 2 लोकसभा चुनावों की बात करें तो बीजेपी तथा उसके सहयोगियों ने 25-25 सीटों पर कब्जा किया था लेकिन इस बार हालात कुछ बदले हुए नजर आ रहें हैं।
विधानसभा चुनाव 2023 में आये परिणामों में दोनों ही पार्टियों के लिए कई सन्देश छिपे हैं। माना जा रहा है की इस बार बीजेपी को राजस्थान में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा भी कहा जा रहा है की आम चुनावों में गहलोत तथा पायलेट ग्रुप एकसाथ होकर लड़ सकते हैं। कांग्रेस ने भी स्पष्ट सन्देश दे दिए हैं की इस बार पुराने नेताओं की अपेक्षा नए चेहरों को टिकट दिया जाएगा।
कांग्रेस की स्थिति रही है कमजोर
राजस्थान विधानसभा चुनावों के आकड़ो पर नजर डालें तो बीजेपी 14 तथा कांग्रेस 11 लोकसभा सीटों पर आगे रही है। कांग्रेस के साथ उसके सहयोगी दल राष्ट्रीय लोक दल को मिले वोट भी शामिल हैं। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में मिले वोटों के लिहाज से कांग्रेस को 12 लोकसभा सीटों पर बढ़त मिली थी। उस समउ कांग्रेस ने 200 में से 100 सीटों पर कब्जा किया था। लेकिन कांग्रेस लोकसभा चुनाव 2019 में अपने इस प्रदर्शन को कायम नहीं रख सकी। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के हाथ एक भी सीट भी नहीं लग पाई जब की बीजेपी ने 25 में से 24 सीटों पर उस समय जीत हासिल की थी।
कांग्रेस को इन क्षेत्रों में मिली बढ़त
आपको बता दें की कांग्रेस की बढ़त वाली 11 लोकसभा सीटों में सिर्फ दो सीटों जयपुर ग्रामीण तथा अलवर में अंतर 1 लाख के पार रहा। इसके अलावा बांसवाड़ा, बाड़मेर तथा गंगानगर में बढ़त का अंतर 1 लाख से कम तथा 50 हजार से ज्यादा का रहा। अतः जानकारों का मानना है की 2019 में हुए लोकसभा चुनावों के वोटर यह स्विंग नहीं हुए तो बीजेपी के लिए 25 में से 25 सीटें जीतना काफी मुश्किल हो सकता है। राजस्थान के विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखने पर लोकसभा सीटों की स्थिति देखने पर साफ़ है की लोकसभा सीटों राजसमंद, जोधपुर, उदयपुर, झालावाड़-बारां, जयपुर, भीलवाड़ा, दौसा, बीकानेर, पाली, अजमेर तथा चित्तोड़ में बीजेपी ने काफी बढ़त बनाई है। इनमें से 6 सीटों पर जीत का अंतर एक लाख से अधिक रहा है।