नई दिल्ली। आकाश मंडल में ग्रह उपग्रहों हमेशा से विचरण तकरते रहे है। जिसमें सूर्य चन्द्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करते नजर आते है। जिससे हमे दिन रात का पता चलता है। लेकिन अब पृथ्वी की पर्क्रमा करने के लिए एक चांद नही बल्कि दो चांद मिलकर परिक्रमा करेगें। सितंबर के आखिर महिने से लेकर नवंबर के आखिर तक, मतलब पूरे 1 महीने तक मिनी-मून पृथ्वी की परिक्रमा करने के लिए इस कक्ष में प्रवेश करने वाला है।

अब दो महीने तक यह पृथ्वी के आसपास ही रहेगा। मिनी-मून के नजदीक रहने से पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण की ताकत पहले की अपेक्षा ज्यादा दिखेगी। हालांकि मिनी-मून आसमान में दिखने वाले चंद्रमा की तरह तो नहीं होगा, बल्कि यह आकार में बेहद छोटा होगा। इस मिनी मून का नाम 2024 PT5 है।

पृथ्वी की परिक्रमा करने के लिए आया मिनी मून को आप सीधे नही देख सकते है इसके लिए आपको हाई पावर टेलीस्कोप की आवश्यकता पड़ेगी। यह मिनी-मून 2024 का कार PT5 सिर्फ 10 मीटर (33 फीट) व्यास का है। वैज्ञानिकों ने इसी खोज इसी साल अगस्त में की थी। 29 सितंबर से 25 नवंबर तक इस पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव रहेगा। यह पृथ्वी का आधा चक्कर लगाकर कक्ष से बाहर आ जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मिनी-मून वे एस्टेरॉयड हैं, जो पृथ्वी में मिल रहे गुरुत्वाकर्षण के कारण प्रभाव से इसके समीप आ जाते है। हैं और तब तक कक्षा में रहते हैं जब तक कि वो अपनी गति के प्रभाव से  अलग होकर दूर नहीं चले जाते। पृथ्वी की कक्षा में आने वाले ज्यादातर मिनी-मून को देखना कठिन है।क्योकि ये आकार में काफी छोटे होते है। इसके साथ ही इसमें चमक ना के बराबर देखने को मिलती है।

यह मिनी-मून 25 नवंबर 2024 तक बने रहने के बाद वो धरती के गुरुत्वाकर्षण से बाहर चले जाएगा और फिर सूर्य का चक्कर लगाएगा। अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी ने इससे संबंधित पेपर प्रकाशित किया है। इसमें शोधकर्ताओं ने निष्कर्षों का विवरण दिया है।