नई दिल्ली। आज के समय की तकनीकी क्षेत्र में कदम रखने के बाद कई कठिन रास्ते काफी असान हो चुके है। अब हम घर बैठे घर के हर जरूर काम पूरे कर सकते है। फिर चाहे बिजली काे बिल का भुगतान करना हो, या फिर रसोई में काम आने वाली चीजों को मंगाना हो। बड़ी असानी के साथ हम इन चीजों को घर बैठे मंगा सकते है। इन सभी चीजों का भुगतान करने के लिए हम यूनिफाइड पेमेंट इंटरनेस (UPI) के द्वारा डिजिटल पेमेंट करके हर काम को असानी के साथ कर लेते है। आज के समय में देखा जाए तो दुनिया के 100 में से 80 लोग यूपीआई का उपयोग कर रहे है। जो हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है।

लेकिन अब एक खबर के मुताबिक सरकार यूपीआई से कर रहे लेनदेन पर टांजैक्शन फीस लगा सकती है। इस बात का फैसला अभी हाल ही में हुई जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में लिया गया है। हालांकि, काउंसिल ने अगली मीटिंग के लिए इस पर फैसला टाल दिया दिया।

यूपीआई का यूज बंद करेंगे लोग?

लोकलसर्किल्स (LocalCircles) के एक सर्वे में यूपीआई के बारे में कई दिलचस्प बातें निकलकर सामने आईं। जिसके मुताबिक,यदि यूपीआई के लेनदेन पर कोई शुल्क लगता है, तो 75 फीसदी यूजर्स इसका इस्तेमाल करना बंद कर देंगे। सर्वे से पता चला कि 38 फीसदी लोग यूपीआई पर निर्भर हैं। वे अपने सारे ट्रांजैक्शन यूपीआई से ही करना पसंद करते हैं। इसके अलावा दूसरा माध्यम डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या अन्य डिजिटल हैं।

सर्वे में हुआ खुलासा

लोकल सर्किल्स के सर्वे ने इस बात को जानने के लिए सर्वे किया कि UPI पर टैक्स लगने के लिए कितने लोग तैयार है। जिसे तीन व्यापक क्षेत्र विभाजित किया। सर्वे एजेंसी के दावे के मुताबिक, 308 जिलों से 42,000 लोगों ने कहा कि ” सिर्फ 22 प्रतिशत भुगतान पर लेनदेन शुल्क का बोझ उठाने को तैयार हैं। वहीं, 75 प्रतिशत ने कहा कि अगर लेनदेन शुल्क लगाया जाता है, तो वे UPI का उपयोग करना बंद कर देंगे।