नई दिल्ली। पति पत्नि का रिश्ते एक मजबूत प्यार और विश्वास की डोर से टिका होता है। जिसमें थोड़ी से चूक होने पर गाठें पड़ना शुरू होजाती है। यदि आप पत्नि के साथ सुखमय जीवन जीना चाहते है तो आचार्य चाणक्य न अपनी नीति ग्रंथ में इसकी चर्चा की है। जिसमें पति पत्नि के उन गुणों का उल्लेख किया गया है दो शादी शुदा जीवन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इस ग्रंथ में मानव के स्वभाव का उल्लेख करते हुए बताया है कि व्यक्ति के कौन से गुण लाइफ में सफल आदमी बना सकता हैं। आचार्य चाणक्य के चाणक्य नीति ग्रंथ में पति पत्नी के रिश्ते का उल्लेख देखने को मिलता है।
पति पत्नि के रिश्ते को लेकर आचार्य चाणक्य ने कई ऐसी बातें बताई हैं। जिसमें कहा गया है कि पुरुष के अंदर कुत्ते के समान ऐसे 5 गुण होने चीगिए जिससे उनकी पत्नी हमेशा खुश और संतुष्ट रह सकती हैं। आइये जानते है उन 5 गुणों के बारे में…
सतर्क रहना
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पुरुष को अपने जीवन में हमेशा कुत्ते की तरह चैतन्य और सतर्क रहना चाहिए। सतर्क व्यक्ति ही आने वाली समस्या को असानी से सुलझा सकता है।
साहसी होना
व्यक्ति को कुत्ता के समान साहसी और निडर रहना चाहिए। जिससे वो आने वाली किसी भी परिस्थिति का सामना साहस के कर सके। जिस तरह से एक कुत्ता पूरे साहस के साथ किसी के आने पर उसका सामना निडरता के साथ करते हुए वफादारी निभाता है। । स्त्री ऐसे ही वीर व्यक्ति को पसंद करती हैं इसलिए पुरुष को साहसी होना चाहिए।
जिम्मेदारियों का निर्वहन करना
पुरुष को कभी भी अपनी जिम्मेदारियों से डरकर भागना नही चाहिए। अपने सभी दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी से करना चाहिए। स्त्री को शारीरिक तथा मानसिक रूप से संतुष्ट रखना चाहिए। जो व्यक्ति अपने सभी कर्तव्यों को समय पर पूरा करता है उसकी स्त्री सदैव उस पुरुष से खुश रहती है।
परिश्रमी होना
आचार्य चाणक्य बताते हैं जो पुरुष आलसी होता है उसके घर में हमेशा दोष बना रहता है। परिश्रमी व्यक्ति के साथ रहकर स्त्री खुश रहती है। दूसरी बात पुरुष को संतुष्ट भी रहना चाहिए अन्यथा वह मानसिक अवसाद से भरा रहेगा और दैनिक जीवन के कार्यों को सही से पूरा नहीं कर सकेगा। अतः पुरुष को परिश्रमी होने के साथ साथ संतुष्ट भी रहना चाहिए।