नई दिल्ली। हमारे देश में बाघ को बचे रखने के लिए सरकार कऑई बड़े प्रयास कर रही है। लेकिन इसके वाबजूद बाघों की संख्या लागातर कम होती जा रही है। जिसमें कुछ बाघ शिकारियों की चपेट में आकर मारे जा रहे है तो कुछ जंगल के छोड़ देन के लिए मजबूर हो रहे है। ऐसा ही मामला नारायणपुर सरिस्का अभयारण्य में देखने को मिल रहा है।
अभी हाल ही में नारायणपुर सरिस्का अभयारण्य के जंगल से एक बाघ के गायब होन की खबर सामने आई। जिसके बाद बाघ की ट्रेकिंग के लिए पांच टीमें मॉनिटरिंग करने में जुट गई। करीब 22 दिन बाद बानसूर के सामदा की पहाड़ी क्षेत्र में इसके पैरों के निशान देखने को मिलें। मंगलवार को बाघ बबेडी,साबी नदी, मोहमदपुर,गुर्जवास क्षेत्र के पास बाघ के पगमार्क मिले थे।
टीम प्रभारी तालवृक्ष रेंजर दीलिप कुमार ने इस बात की दानकारी देते हुए बताया कि सरिस्का अभयारण्य से निकला बाघ अब सामदा की पहाड़ी क्षेत्र में पहुंच गया हैं। इस बाघ के पद चिन्ह मंगलवार को बबेडी मोहम्मदपुर गुर्जवास क्षेत्र में मिले हैं। बाघ की खोज के लिए वन विभाग की टीम लगातार मॉनिटरिंग करने में जुटी रही है ताकि जल्द से जल्द बाघ को पकड़कर सरिस्का में छोड़ा जा सके। इसके लिए टीमें बाघ के ट्रेस करने में लगी हुई है। जयपुर से मेडिकल टीम में डॉ अरविंद माथुर भी मौके पर मौजूद हैं।