अक्टूबर के महीने में खाने की थाली की कीमतों में तेजी देखी गई। क्रिसिल की ‘रोटी राइस रेट’ रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह की थालियों की कीमतें बढ़ीं, लेकिन शाकाहारी थाली अब भी मांसाहारी थाली से अधिक महंगी है।
अक्टूबर में शाकाहारी थाली की कीमत में 20% की बढ़ोतरी हुई, जबकि मांसाहारी थाली की कीमत में 5% का इजाफा देखा गया। तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
सब्जियों की कीमतों में उछाल का असर
शाकाहारी थाली की बढ़ी हुई कीमतों का मुख्य कारण प्याज, टमाटर और आलू जैसी सब्जियों के दाम में हुई बढ़ोतरी है। अक्टूबर में प्याज की कीमत में 46% और आलू की कीमत में 51% का उछाल दर्ज किया गया। सितंबर में महाराष्ट्र और कर्नाटक में भारी बारिश के कारण प्याज की फसल देर से आ रही है, जबकि रबी आलू के स्टॉक में भी कमी आई है। दिसंबर और जनवरी में नए आलू की आवक के साथ कीमतों में स्थिरता की उम्मीद है।
टमाटर की कीमतों में जबरदस्त उछाल
टमाटर की कीमत में इस साल बड़ा बदलाव देखा गया। अक्टूबर 2023 में 29 रुपये प्रति किलोग्राम बिकने वाला टमाटर अक्टूबर 2024 में 64 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया, जो कि 120% की वृद्धि है। इस वृद्धि का मुख्य कारण महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में हुई भारी बारिश है, जिससे फसल को नुकसान पहुंचा। हालांकि, मध्य प्रदेश और राजस्थान से नई फसल आने की उम्मीद से नवंबर में कीमतें स्थिर हो सकती हैं।
दाल और ईंधन की कीमतों का प्रभाव
दाल की कीमत में भी 11% की वृद्धि हुई है, जो शाकाहारी थाली की कुल लागत का 9% हिस्सा है। यह बढ़ोतरी स्टॉक की कमी और त्योहारी सीजन की बढ़ी मांग के कारण हुई है। दूसरी ओर, ईंधन की कीमतों में पिछले साल की तुलना में 11% की कमी ने कुल लागत को और अधिक बढ़ने से रोका है।
थाली की कीमतों में मासिक बदलाव
अक्टूबर में मासिक आधार पर शाकाहारी थाली की कीमत में 6% और मांसाहारी थाली में 4% की बढ़ोतरी हुई। इसमें सबसे बड़ा योगदान टमाटर और प्याज की बढ़ी हुई कीमतों का है। इसके अलावा, सब्जी तेल की कीमत में भी 10% की बढ़ोतरी हुई है, जिससे शाकाहारी थाली की लागत और अधिक बढ़ गई।