राजस्थान में विधानसभा चुनाव की विसात बिछ चुकी है। अब कांग्रेस और बीजेपी ही नहीं बल्कि दोनों ही पार्टियों के नेतागण भी अपनी स्थिति और लाभ को देखते हुए अपने राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित बनाने की रणनीति में लगे हुए हैं। इसी क्रम में एक बड़ी खबर सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान कांग्रेस की नेता तथा जयपुर की महापौर ज्योति खंडेलवाल ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। सूत्रों के मुताबिक टिकट न मिलने से नाराज ज्योति खंडेलवाल ने कांग्रेस का साथ छोड़ कर बीजेपी की सदस्यता को ग्रहण कर लिया है। आपको बता दें कि ज्योति खंडेलवाल को सचिन पायलट कैंप की नेता माना जाता है।

इन नेताओं ने भी थामा बीजेपी का कमल

आपको बता दें कि ज्योति खंडेलवाल के अलावा राजस्थान के अन्य कई नेताओं ने भी बीजेपी की सदस्यता को ग्रहण किया है। जिनमें राजगढ़ के पूर्व विधायक नंदूलाल पूनिया, डॉक्टर हरी सिंह सारन, सवांर लाल महेरिया, केसर सिंह शेखावत, पूर्व आईपीएस अधिकारी भीम सिंह पिका, जयपाल सिंह आम आदमी पार्टी ने बीजेपी की सदस्यता को ग्रहण किया है। गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के परिवार के लोगों ने भी बीजेपी की सदस्यता को ग्रहण किया है। इन सबके अलावा छात्र नेता रविंद्र सिंह भाटी भी बीजेपी में शामिल हुए हैं।

पायलेट कैंप से हैं ज्योति खंडेलवाल

आपको बता दें कि इन दिनों ज्योति खंडेलवाल पायलेट कैंप में थीं। ये जयपुर की मेयर रह चुकी हैं। इसके अलावा ज्योति ने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ा है। ज्योति का भी कांग्रेस के वैश्य समाज का स चेहरा थीं लेकिन अब वे बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं। आपको बता दें कि तारानगर से पूर्व कांग्रेसी विधायक चंद्रशेखर बैद तथा सादुलपुर से पूर्व कांग्रेसी विधायक नंदलाल पूनिया ने भी बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। ऐसी चर्चा भी चल रही है कि नंदलाल पूनिया के परिवार से कोई सदस्य बीजेपी का प्रत्याशी हो सकता है। आपको बता की इन नेताओं के बीजेपी में जाने से तारानगर में राजेंद्र राठौर तथा सादुलपुर विधानसभा में बड़ा लाभ मिल सकता है।

Manish Yadav Shahpura

शाहपुरा से मनीष यादव पर भी भाजपा दांव खेल सकती है। हालांकि मनीष यादव ने बीजेपी में जाने को लेकर अपनी मंशा नहीं जाहिर की है। मनीष यादव राजस्थान यूनिवर्सिटी से छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं मनीष ने ABVP से चुनाव लड़ा था। शाहपुरा से एक बार निर्दलीय और दूसरी बार कांग्रेस से विधायक का चुनाव लड़ा था। 4 हजार से कम वोट के अंतर पर निर्दलीय प्रत्याशी अलोक बेनीवाल की जीत हुई थी। भाजपा प्रत्याशी यहां तीसरे नंबर पर थे। भाजपा यहां भी टिकट देने में काफी देरी कर रही है।