नई दिल्ली: राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होने के बाद सभी प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला EVM के अंदर कैद हो चुका है। अब लोगों को 3 दिसंबर को होने वाली मतगणना का बेसब्री से इंतजार है। लेकिन मतगणना से पहले देश के सबसे बड़े सट्टा बाजार फलोदी में सरकार बनाने को लेकर सरगर्मी बढ़ी हुई है और सट्टा बाजार के रुख को देखते हुए लोगों की बेचैनी भी बढ़ी हुई है। मतदान संपन्न होने के तुरंत बाद लोगों में जिज्ञासा बढ़ी की इस बार राजस्थान में किसकी सरकार बनेगी। एग्जिट पोल की बात छोड़ दें, तो लंबे समय से लोगों को राजस्थान के फलोदी सट्टा बाजार पर जबरदस्त भरोसा रहा है। देश के सबसे पुराने सट्टा बाजार फलोदी में जो अनुमान लगाए गए वे लगभग सही निकलते थे। जिसे देखते हुए इस बार भी लोगों की नजरे फलौदी सट्टा बाजार की ओर टिकी हुई है।
फलौदी के सट्टा बाज़ार से जुड़े लोगों की माने तो लगभग सभी सट्टा लगाने वालों का एक ही मत है। सट्टा लगाने वालों की मानें तो लगभग सभी का राजस्थान को लेकर एक ही जवाब है, और वह जवाब है, राजस्थान में सरकार बदल सकती है, और एक बार फिर से सत्ता की बागडोर बेजेपी के हाथों आ सकती है, ऐसे में सीएम पद की प्रबल दावेदार वसुन्धरा राजे हैं, जबकि 17 नवम्बर को छत्तीसगढ़ में भी मतदान हुआ है पर वहां सरकार एकबार फिर से रिपीट हो सकती है, सट्टा बज़ार में ऐसा अनुमान लगया जा रहा है।
500 सालों से भी पुराना है फलौदी का सट्टा बाजार
राजस्थान के फलोदी का सट्टा बाजार देश का सबसे पुराना बाजार माना जाता है जानकार बताते हैं कि यह 450 से 500 साल पुराना है, और यहां करोड़ों का सट्टा लगाया जाता है। राजस्थान में हमेशा की तरह इस बार भी सत्ता परिवर्तन का अनुमान लगाया जा रहा है। और फलौदी का सट्टा बाजार भी इस बात की तस्दीक करता है।