Rajasthan Election 2023: राजस्थान में कांग्रेस ने युवा नेताओं पर भरोसा जताया है। वहीं कुछ सीटों पर सचिन के चहेतों को टिकट देने का आरोप भी कार्यकर्त्ता लगा रहे हैं। स्थिति इनसे कुछ अलग ही है। धरातल पर जो नेता सबसे ज्यादा उतरा है, पार्टी ने टिकट उसी को दिया है। शहपुरा में कांग्रेस से मनीष की लोकप्रियता किसी से छिपी हुई नहीं है। कोरोनाकाल में हो या लम्पि बिमारी में, सभी में हरसंभव मदद पहुंचाने का काम किया। चोमू में रुक्षमणी कुमारी ने भी लोगों की काफी मदद की। टिकट की दावेदारी और टिकट वितरण के लिए अलग से पार्टी अपना अजेंडा तैयार करती है।
सर्वे में अव्वल को मिला टिकट
पार्टी द्वारा पर्यवेक्षकों की टीम उतारी गई थी। सर्वे के आंकड़ों से ही पार्टी में गहमा गहमी शुरू हो गई थी। शाहपुरा से विधायक आलोक बेनीवाल ने काम तो करवाएं हैं, लेकिन उन पर आरोप भी काफी लगे हैं। सर्वे में भी लोगों ने मनीष यादव को ही जिताऊ उम्मीदवार बताया। जनता की पसंद को ही पार्टी ने अपनी पसंद माना। टिकट में देरी की सबसे बड़ी वजह भी निर्दलीय विधायक आलोक बेनीवाल की कांग्रेस में वापसी रही। आलाकमान से अशोक गहलोत ने बेनीवाल की पैरवी की थी। सरकार बचाने में और बहुमत के समय आलोक बेनीवाल सरकार के साथ खड़े रहे।
शाहपुरा में मुकाबला हुआ बेहद पेचीदा
शाहपुरा में टिकट की घोषणा होने से पहले ही सब कुछ साफ़ हो गया था। मनीष यादव ने कांग्रेस से नामांकन भरा और आलोक बेनीवाल के घर समर्थकों का तांता लग गया। उनके जयपुर आवास पर अच्छी खासी भीड़ जमा हो गई। पूर्व राजयपाल कमला बेनीवाल की तबियत भी बिगड़ गई थी। लोगों में चर्चा है कि आलोक बेनीवाल भाजपा का दामन थाम रहे हैं। लेकिन कमला बेनीवाल ने इन सब अफवाहों पर विराम लगा दिया। बावजूद इसके आलोक बेनीवाल के दिल्ली जाने की ख़बरें भी तूल पकड़ रही है।
शुक्रवार को पूर्व राव राजेंद्र सिंह द्वारा भाजपा का नामांकन लिए जाने के बाद इन बातों पर भी पूर्ण विराम लग गया। लेकिन जाट समुदाय और बेनीवाल समर्थकों में कांग्रेस के प्रति रोष काफी है। ऐसे में क्रॉस वोटिंग का खतरा पार्टी को हो सकता है। एक बड़ा समुदाय भाजपा के खाते में जाने से कांग्रेस पार्टी को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
Manish yadav shahpura, Aalok beniwal, Rao Rajendra singh shahpura
chomu: Ram lal sharma, shikha meel Barala