राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने राजस्थान में कांग्रेस की हार पर दिल्ली तथा जयपुर दोनों स्थानों पर गहन चर्चा करने की बात कही है। अपनी बात में उन्होंने सीएम गहलोत के ओएसडी की टिप्पणी को भी शामिल किया है। टोंक में मीडिया से बात करते हुए सचिन पायलट ने कहा है कि “मेरा मानना है कि इस हार पर विचार करना जरूरी है।” वहीं सीएम गहलोत के ओएसडी के बयान पर उन्होंने कहा है कि “मैंने सीएम के ओएसडी का भी बयान देखा है, पार्टी के लिए इस पर भी मंथन करना जरूरी है।”
सीएम के OSD ने लगाए थे ये आरोप
सीएम के OSD लोकेश शर्मा ने कहा था कि “राजस्थान में सिटिंग विधायकों के खिलाफ एंटी इन्कंबेंसी थी. खुद अशोक गहलोत चापलूसों के बीच घिर गए थे. उनका यह कहना था कि हार नजर आ रही थी, लेकिन क्योंकि गहलोत चापलूसों से घिरे हुए थे इसलिए उन्हें साफ हार नजर नहीं आ रही थी।” आगे लोकेश शर्मा ने कहा “उन्होंने पांच महीने पहले ही अशोक गहलोत को रिपोर्ट सौंप दी थी कि राजस्थान के विधायकों को लेकर एंटी इनकंबेंसी है, लेकिन वह अपनी हठधर्मिता में यह समझ नहीं पाए. लोकेश शर्मा का कहना था कि अशोक गहलोत ने यह कह कर उनकी बात को नजरअंदाज किया कि इन विधायकों ने उनकी सरकार बचाने में मदद की थी”
लोकतंत्र में जनता ही माई-बाप है और जनादेश शिरोधार्य है, विनम्रता से स्वीकार है।
— Lokesh Sharma (@_lokeshsharma) December 3, 2023
मैं नतीजों से आहत जरूर हूँ, लेकिन अचंभित नहीं हूँ..
कांग्रेस पार्टी #Rajasthan में निःसंदेह रिवाज़ बदल सकती थी लेकिन अशोक गहलोत जी कभी कोई बदलाव नहीं चाहते थे। यह कांग्रेस की नहीं बल्कि अशोक गहलोत जी…
सचिन पायलट ने पार्टी के लिए कहा
सचिन पायलट ने गहलोत के समर्थकों द्वारा विद्रोह करने तथा विधायकों की समानांतर बैठक आयोजित करने का जिक्र करते हुए कहा “25 सितंबर की घटना पूरी तरह से प्रायोजित थी. वहीं रिकॉर्ड जीत दर्ज करने के बाद टोंक में मौजूद सचिन पायलट ने टोंक विधानसभा क्षेत्र से अपनी दूसरी जीत लोगों और कार्यकर्ताओं को समर्पित की है। मैं हमेशा से कांग्रेस का कार्यकर्ता रहा हूं. मुझे जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, मैं उसे हर संभव तरीके से ईमानदारी से निभाऊंगा।”