राजस्थान चुनाव के एक्जिट पोल सामने आ चुके हैं। जिसके बाद मना जा रहा है कि बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर है। सरकार बनाने में यदि मामूली अंतर रह जाता है तो निर्दलीय विजेताओं की भूमिका का बढ़ जाना तय माना जा रहा है। इसी चीज को देखते हुए दोनों ही दल इस प्रकार के लोगों से संपर्क साधने में लगे हुए हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री जहां संभावित विजेताओं से बात कर रहें हैं वहीं दूसरी और वसुंधरा राजे भी विधायकों के संपर्क में हैं। उन्होंने कल राज्यपाल से भी मुलाक़ात की थी। दूसरी और सचिन पायलट दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। कुल मिलाकर दोनों ही पार्टियां परिणाम आने पर विधायकों की बाड़ेबंदी करने में जुटी हुई हैं।
एक्जिट पोल में बीजेपी कांग्रेस से आगे
कुछ एक्जिट पोल में बीजेपी को कांग्रेस से आगे बताया जा रहा है। इस कारण उम्मीद जताई जा रही है कि राजस्थान में हर बार सरकार बदलने का रिवाज कायम रह सकता है। लेकिन कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं का मानना है कि इस बार चुनाव कांटें की टक्कर के हुए हैं और जीत में 5 से 10 सीटों का अंतर रह सकता है। इसी कारण चुनाव परिणाम आने के बाद की रणनीति पर अभी से दोनों पार्टी काम कर रहीं हैं। अब दोनों ही पार्टियां जीत की संभावना वाले एक दर्जन निर्दलीय तथा कुछ क्षेत्रीय पार्टियों से संपर्क साध रहीं हैं।
इन लोगों से साधा जा रहा है संपर्क
- मसूदा से निर्दलीय प्रत्याशी वाजिद चीता
- लूणकरणसर के वीरेंद्र बेनीवाल
- शिव सीट से रविंद्र सिंह
- शाहपुरा से कैलाश मेघवाल
- वल्लभनगर से दीपेंद्र कंवर
- छबड़ा सीट से निर्दलीय नरेश मीणा
- बाड़मेर से प्रियंका चौधरी
- किशनगढ़ से सुरेश टांक
- बसेड़ी से खिलाड़ी लाल बैरवा
- बानसूर से रोहिनाश्व शर्मा
- शाहपुरा के आलोक बेनीवाल
- नागौर के हबीबुर्रहमान
- डीडवाना से युनूस खान
- चित्तौड़गढ़ से चंद्रभान आक्या
- नोखा से कन्हैयालाल झंवर
- झुंझुनूं से राजेंद्र भांबू
- डग से रामचंद्र सुनारीवाल
- पुष्कर से गोपाल बाहेती