Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा चुनाव में कुछ जगहों पर जिताऊ उम्मीदवार को टिकट नहीं दिए गए। आलाकमान की मजबूरी अब बागी समझने को तैयार नहीं है। शाहपुरा में भाजपा ने उपेन यादव को मैदान में उतार दिया। लेकिन यहाँ कांग्रेस के बागी आलोक बेनीवाल मैदान से क्यों हटेंगे। पिछली बार के निर्दलीय विधायक और कांग्रेस को बहुमत में योगदान देने के बाद भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया। ऐसे में नेता आलाकमान का आदेश क्यों मानेंगे। रविंद्र सिंह भाटी को तीन दिन पहले भाजपा ज्वाइन कराई गई। लेकिन टिकट किसी और को दे दी गई। तो क्या भाटी बागी हो गया। रविंद्र सिंह भाटी जिताऊ उम्मीदवार है और वह भाजपा को ही सपोर्ट करेगा। ऐसे बागी नेताओं को आलाकमान का डर नहीं है, क्योकि इनके व्यक्तिगत वोट ही इन्हे विशेष श्रेणी के बनाते हैं।

राजस्थान में विधानसभा चुनाव को देखते हुए ऐसा लगता है कि कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्कर है। हालांकि बीजेपी यदि सरकार बनती है तो इस बार हो सकता है वसुंधरा राजे की जगह पार्टी किसी नए चेहरे को सीएम की कमान सौंप सकती है। जानकार इसके पीछे की मुख्य वजह, वसुंधरा की दिल्ली से दूरी को मानते हैं। भाजपा ने रविंद्र सिंह भाटी और प्रियंका चौधरी को निष्कासित कर दिया।

यदि बेजेपी नया चेहरा उतरती है तो वो नाम हो सकता है। सांसद दिया कुमारी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, अश्विनी वैष्णव, भूपेंद्र यादव या फिर प्रेदेश अध्यक्ष सीपी जोशी या फिर नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठोड़ और लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पुनिया या फिर पीएम मोदी के करीबी कहे जाने वाले ओमप्रकाश माथुर भी इस दौड़ में शामिल हो सकते हैं।

दरअसल भाजपा के इतिहास को देखें तो बीजेपी प्रदेशों में मुख्यमंत्री को बदलकर नया चेहरा लाने में हमेशा जोर देती रही है। 8 साल का इतिहास तो यही बताता है। अब इस बार बीजेपी राजस्थान में क्या करती है यह आने वाला समय बताएगा।