नई दिल्ली: राजस्थान में जैसे जैसे विधानसभा चुनाव (Rajasthan Elections 2023) कै समय नजदीक आते जा रहा है वैसे वैसे सियासी घमासान चरम पर है। खास तौर से सत्ताधारी कांग्रेस अपने कुनबे में काफी बदलाव कर सकती है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार दोबारा आए इसके लिए सख्त कदम उठाए जा रहे है। टिकट दिए जाने को लेकर कांग्रेस (Rajasthan Congress) ने एक फार्म्युला भी बनाया है। जिसके मुताबिक टिकट उसी प्रत्याशी को दी जाएगी जिसका प्रदर्शन अच्छा होगा। इसके लिए एआईसीसी, प्रदेश प्रभारी और मुख्यमंत्री की ओर से तीन सर्वे कराए गए हैं।
तेजी से चलाए गए इस सर्वे में 5 मंत्रियों और 10 दिग्गज नेताओं सहित 45 मौजूदा विधायकों का रिजल्ट बेहद ही खराब आया है। बताया जा रहा कि पिछले चुनावों में जिन कांग्रेस नेताओं को टिकट दिए गए थे, उनमें से करीब 120 नेताओं के टिकट बदले जाएंगे।
सभी नेताओं के सामने रखा रिपोर्ट कार्ड
पिछले दिनों कांग्रेस के वॉर रूम में विधायकों के साथ वन टू वन संवाद का कार्यक्रम रखा गया। जिसमें कांग्रेस के सभी विधायकों के अलावा पार्टी के प्रत्याशी कार्यकर्ता को भी सम्मलित किया गया है। इस संवाद कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने शामिल हुए विधायकों और मंत्रियों को काफी खरी-खोटी सुनाई।
कई विधायकों और मंत्रियों को साफ चेतावनी भी देते हुए कहा कि उनके क्षेत्र में हुए सर्वे के दौरान जो खराब रिपोर्ट आई है। उसकी स्थिति को सुधारें वरना उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा। खराब रिपोर्ट वाले नेताओं में सरकार के कैबिनेट मंत्री भी शामिल हैं।
कांग्रेस के इन दिग्गज नेताओं को मिली चेतावनी
खराब रिपोर्ट के चलते कई दिग्गज नेताओं को अपनी स्थिति को बेहतर बनाने के निर्देश दिए है। जिनमें शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, जनजाति विकास मंत्री अर्जुन बामणिया का नाम शामिल है। इनके अलावा यातायात मंत्री बृजेन्द्र ओला, अल्पसंख्यक मामलात विभाग के मंत्री सालेह मोहम्मद और सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना को भी निर्देश दिए गए। और इन सभी को अपने क्षेत्र में अपनी स्थिति सुधारने के लिए ज्यादा से ज्यादा समय तक फील्ड में सक्रिय रहने को कहा गया है। तीन बार हुए सर्वे में इन सभी दिग्गज नेताओं की परफॉरमेंस ठीक नहीं आई है।