नई दिल्ली: राजस्थान के अलावा देश के पांच राज्यों में जहां विधानसभा चुनाव का प्रचार प्रसार जोरशोर से चल रहा हैं वहीं इस सूबे की बीजेपी की दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाने की मांग भी तेजी के साथ चल रही है। ऐसे समय में वसुंधरा ने राजनीति से सन्यास लेने के फैंसले के संकेत ने हर किसी को हैरान कर दिया है।

झालावाड़ में एक चुनाव प्रचार में लगा उनका बेटा दुष्यंत सिंह लोगों को संबोधित करते हुए अपने मैदान में पैर जमाने की कोशिश कर रहा है जिसे देख वसुंधरा इतनी खुश हो रही हैं कि अपने संबोधन के समय उन्होंने इस बात का सकेंत देते हुए कहा है कि, ‘मेरे बेटे  राजनीति का दांवपेच करना सीख गया है। अब मुझे लगता है कि अब रिटायरमेंट लेने का समय आ गया है। आप सभी ने उसे इतनी अच्छी तरह प्रशिक्षित कर दिया है कि मुझे उस आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है।’

पांच बार सांसद और चार बार विधायक रह चुकी हैं वसुंधरा

वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह झालावाड़-बारां लोकसभा सीट से सांसद हैं। पांच बार सांसद और चार बार विधायक रहीं वसुंधरा को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर लगातार मांग हो रही है। यदि बीजेपी अपनी बात से मुकर जाती हैं तब उनकी भूमिका को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं.

‘अब मैं रिटायरमेंट ले सकती हूं’

शुक्रवार (03 नवंबर) की सभा में उन्होंने क्षेत्र में तीन दशकों में किए गए कार्यों का लेखा-जोखा पेश करने के बाद कहा,”अपने बेटे को बोलते हुए सुनकर अब मुझे लग रहा है कि मैं राजनीति से सन्यास ले सकती हूं। अब बेटे के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है.”

इसके बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन का आह्वान करते हुए वसुंधरा राजे ने कहा कि यदि राजस्थान को देश का नंबर वन राज्य बनाना है तो बीजेपी को सत्ता में लाना जरूरी होगा। बता दें कि राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान है और 3 दिसंबर को काउंटिंग होगी।