हमारे देश को कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था। इसके पीछे एक महत्वपूर्ण कारण हमारे देश की समृद्धि और यहां के प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता। देश को फिर से सोने की चिड़िया बनने की राह पर भारत आ गया है। विकसित देश की ओर अग्रसर भारत में अब सोने जैसी कीमती धातु की खानें भी निकलने लगी है। देश की प्रगति में सोने और तेल की भूमिका बेहद अहमियत रखती है।
भले ही समय के साथ इस उपाधि का महत्व घटा हो, लेकिन आज भी हमारे देश में कई खजाने दफन हैं। हाल ही में राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के घाटोल तहसील के भूकिया जगपुरा में एक सोने की खदान मिली है, जो इस तथ्य को और भी प्रबल करती है।
भूकिया जगपुरा में सोने की खदान की खोज ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। यह क्षेत्र 14 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और इसमें सोने का विशाल भंडार पाया गया है। इस खदान की खोज भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने की है। यह खोज भारत के खनिज संपदा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
सोने का भंडार
भूकिया जगपुरा में पाए गए सोने का भंडार न केवल क्षेत्र की समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण बनाएगा। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, इस खदान में लगभग 60-70 टन सोना पाया जा सकता है, जो इसे देश की सबसे बड़ी सोने की खदानों में से एक बनाता है।
खदान का महत्व
इस खदान की खोज से न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। इसके साथ ही, इस खदान से मिलने वाला सोना भारत की स्वर्ण भंडार को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति और भी सुदृढ़ होगी।
स्वर्ण भंडार राज्यों की लिस्ट में शामिल हुआ बांसवाड़ा
इस राज्य में मिले सोने की खदान के बाद अब भजनलाल सरकार इस सोने की खानों की नीलामी करने वाली है और इसके लिए ई-पोर्टल पर जल्द नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। बता दें कि राजस्थान सरकार ने सोने के खदान की नीलामी की प्रक्रिया पूरी कर दी है और इसका लाइसेंस ऑनलाइन हुई निविदा प्रक्रिया में रतलाम की सैयद ओवैस अली नाम की फर्म को मिल गया है। इसके बाद से राजस्थान के बांसवाड़ा का नाम उन चार राज्यों की लिस्ट में शामिल कर लिया गया है, जिनको स्वर्ण भंडार कहा जाता है।