जानकारी दे दें की वर्तमान में राजस्थान सरकार विमुक्त, घुमंतू एवं अर्द्ध घुमंतू जाति के परिवारों को चिन्हित करने का कार्य कर रही है। अभी तक इन जातियों के 34 हजार परिवारों को चिन्हित किया गया है। हालांकि अभी यह कार्य चल रहा है। बताया जा रहा है की प्रदेश की कुल जनसंख्या के 6 से 8 प्रतिशत लोग इन जातियों के हैं। ख़ास बात यह है की इस प्रकार के लोग एक स्थान पर नहीं रहते हैं और अधिकांश के पास में इनका पहचान पत्र नहीं होता है अतः इन लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है।
अब राजस्थान सरकार इस प्रकार के सभी लोगों के जीवन के उत्थान के लिए इन्हें आगामी 2 अक्टूबर को निःशुल्क भूखंड उपलब्ध करा रही है। सरकार का मानना है की इन जातियों के लोगों की पूर्व में काफी उपेक्षा हुई है हालांकि ये हमारे प्रदेश की महत्वपूर्ण जातियां हैं। इन्होने देश की आजादी के समय क्रांतिकारियों की काफी सहायता की थी।
यह रहेगा परिवार का मापदंड
सरकार ने परिवार का जो मापदंड रखा है। उसके अनुसार 21 वर्ष से छोटा व्यक्ति यदि अविवाहित है तो उसके माता पिता सहित एक परिवार माना जाएगा। यदि 21 वर्ष से बड़ा व्यक्ति विवाहित है तो एक परिवार माना जाएगा। इसके अलावा जाति प्रमाण पत्र के संशोधन के लिए भी परफॉर्मा जारी किया गया है।
इसको तहसीलदार से सत्यापित कराने के बाद में जाति प्रमाण पत्र के स्थान पर जाति पहचान प्रमाण पत्र दिया जा सकेगा। इन घुमंतू जातियों के बहुत से लोग तो ऐसे हैं जो सालों से तंबूनुमा मकान में रहते हैं। इनमें से कई परिवार शहरों में खेल तमाशा दिखाते हैं और आजीविका को चलाते हैं। इसी प्रकार से कई परिवार जड़ी बूटियां बेचने का कार्य करते हैं। ये लोग एक से दूसरे स्थान पर आते जाते रहते हैं। इनको जहां स्थान मिल जाता है। वहीं ये तंबू डालकर रहने लगते हैं।
अब आगामी 2 अक्टूबर को राजस्थान सरकार ऐसे परिवारों को निःशुल्क भूखंड देने जा रही है। ताकी ये परिवार एक स्थान पर अपना घर बनाकर स्थायी रूप से रह सकें। आपको बता दें की इस प्रकार के एक परिवार को सरकार की और से अधिकतम 300 वर्गमीटर का पट्टा दिया जाएगा। बता दें की अब तक 205 पट्टो को जारी कर दिया गया है तथा 1650 पट्टो को जारी करने की प्रक्रिया चल रही है।
क्या कहते हैं पंचायत राज्य मंत्री
जानकारी दे दें की विमुक्त, घुमंतू एवं अर्द्ध घुमंतूओं जातियों के इन लोगों में से अधिकाँश के पास में जाति प्रमाण पत्र तथा दूरभाष नंबर नहीं है। लेकिन अभी तक 1779 घुमंतूओं ने ग्राम पंचायत में पट्टा लेने के लिए आवेदन किया है। हालांकि अभी आवेदन प्रक्रिया को जारी रखा गया है। राजस्थान के पंचायत राज मंत्री मदन दिलावर का कहना है की इन जातियों के लोगों के बलिदान यथोचित सम्मान मिलना चाहिए। हमें इनके पूर्वजों का भी उपकार मानना चाहिए। ये लोग स्थान स्थान पर घूम कर अपनी जीविका चला रहें हैं अतः इन्हें आवासीय भूखंड मिलने ही चाहिए। आगामी 2 अक्टूबर को चिन्हितों को पट्टों का वितरण किया जाएगा।