आपको जानकारी दे दें की राजस्थान के उपखंड, तहसील व राजस्व गांवों का नक्शा अब बदलने वाला है। बता दें की जुलाई में घोषित किये गए बजट में नए उपखंड, तहसील व राजस्व गांवों की सीमा तय करने को कहा गया था। वर्तमान में इस कार्य के लिए जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने मंजूरी दे दी है। हालांकि इस मामले में जिलों के लिए अभी चुप्पी बना कर रखी गई है।
अब कई जानकार लोग इस सवाल को पूछ रहें हैं की अगली जनगणना के समय नए जिलों की सीमाएं बदलने मंजूरी मिलेगी अथवा नहीं? बता दें की यह सवाल पूछने का असल कारण यह है की हालही में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जल्दी ही जनगणना कराने के लिए कहा है। इसके अलावा वर्तमान राजस्थान सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय में बने 19 नए जिलों की सीमाओं की समीक्षा करा रही है।
बता दें की बीती 1 जुलाई से जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने सभी जिलों, उपखंडों, तहसीलों सहित सभी प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं को फ्रीज कर डाला है। इसके बाद में 20 अगस्त को राजस्व विभाग ने जनगणना रजिस्ट्रार जनरल को पत्र भी लिखा है। जिसमें नए जिले, उपखंड, तहसील और राजस्व गांव बनाने व सीमा बदलने पर लगी छूट की बात कही गई है।
इसी मामले में सीएम भजनलाल शर्मा ने अमित शाह को भी पत्र लिखा है। जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने राजस्व मंत्री मंजूरी प्राप्त नए गांवों तथा बजट में घोषित नए उपखण्ड, तहसील व उप-तहसीलों की अधिसूचना जारी करने की छूट भी दे दी है। लेकिन अभी जिलों के संबंध में कुछ नहीं कहा गया है।
दूसरी और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में बने 19 नए जिलों की समीक्षा के बाद कुछ नए जिलों तथा कुछ की सीमाएं बदलने के कयास भी लगाए जा रहें हैं। इस स्थिति में यदि सीमाओं में कुछ बदलाव किया भी जाता है तो उसको जनगणना रजिस्ट्रार जनरल की मंजूरी के बिना अगली जनगणना में शामिल नहीं किया जा सकेगा। सूत्रों का कहना है की यदि जनगणना की घोषणा हो जाती है कुछ सालों तक सीमाओं में बदलाव नहीं हो सकेगा।