नई दिल्ली: राजस्थान की देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर हो रहे मतदान के दौरान बड़ा बबाल देखने को मिला,जिसके बीच पुलिस नें निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के पहले नरेश मीणा ने मीडिया से कहा कि मैं यहां से भागा नही था, बल्कि अपनी खुद की गिरफ्तारी देने आया हूं, और इस मामले की पूरी न्यायिक जांच होनी चाहिए, पुलिस के द्वारा की जा रही बर्बरता के दौरान वहां यदि कलेक्टर समय पर पंहुच जाती, तो ऐसा कुछ नहीं होता।

बता दें कि इस मामले के तूल पकड़ने का कारण थप्पड़कांड था। दरअसल निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ने वहां पर मौजूद एरिया मजिस्ट्रेट (एसडीएम मालपुरा) अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। पुलिस के द्वारा हुए बीच बचाव के बाद जब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया, तो उनके समर्थक हंगामा मचाने लगें, और इसी मौके का फायदा उठाकर हंगामे व पथराव के बीच नरेश मीना मौके से गायब हो गए थे।

जिसके बाद गांवों के चारों ओर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। स्थानीय निवासी के अलावा लोगों का आवाजाही रोक दी गई। बबाल के बीच शाम तक निर्दलीय प्रत्याशी और ग्रामीण धरने पर बैठ गए। उनको घेर कर पुलिस बल तैनात किए गए थे।

यह था मामला

नगरफोर्ट तहसील की ग्राम पंचायत कचरावता के समरावता गांव में हो रही जबरन वोटिंग का विरोध करते हुए नरेश मीना वहां पहुच गए और एरिया मजिस्ट्रेट व मालपुरा एसडीएम अमित चौधरी के साथ मारपीट पर उतारू हो गए।

विवाद ने इतना तील पकड़ लिया कि गुस्सें में आग बबूला नरेश मीना ने थप्पड़ मार दिया। इसके बाद उन्होंने प्रशासन के खिलाफ धरना शुरू कर दिया। मामले को बढ़ता देख प्रशासन ने मौके पर अतिरिक्त पुलिस जाप्ता बुलाया और स्थिति पर काबू पाया।

पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे

नरेश मीना की गिरफ्तारी के बाद समर्थकों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। जिससे की पुलिस कर्मी घायल भी हुए। भीड़ के गुस्सो पर काबू पाने के लिए  पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर आंसू गैस के गोले दागे, उसके बाद मामला उग्र हो गया और प्रदर्शनकारियों ने मौके पर खड़े पुलिस वाहनों में आग लगा दी, जिससे गांव में अफरा-तफरी मच गई और गांव में बने कच्चे मकान आग की लपटो में तब्दील हो गए। घरों में आग लगने से घरों के अंदर बैठे लोग ने किसी तरह से अपनी जान बचाई, जानकारी के अनुसार कई जनों के घायल होने की संभावना जताई जा रही है।