नई दिल्ली। बांदीकुई शहर के जोधपुरिया गांव में हुआ हादसा हर किसी के दिल को दहला देने वाला था। जब एक बोरवेल में ढाई साल की बच्ची गिर गई। करीब सवा 17 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद गुरुवार के दिन उस बच्ची को सकुशल बाहर निकाल कर नई जिंदगी मिली।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान ने काफी मशक्कत करने के बाद जैसे ही बच्चो को बोरबेल से बार निकाला, वहां मौजूद लोगों के चेहरों पर खुशियां छा गई। लोगों ने तालियां बजाकर जवानों को सलाम किया। बच्ची को तुंरत मेडिकल टीम ने मेडिकल चेकअप किया। बच्ची पूर्णतया स्वस्थ पाई गई।
मां की आवाज पर बोली नीरू…
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बच्चे से संर्पक साधने के लिए जवानों ने माइक और कैमरों का इंतजाम कराया। बच्ची को बाहर रिंग के जरिए निकाल सके इसके लिए उसे बार बार हाथ ऊपर करने के लिए कहा गया। इसके लिए मासूम की मां और बड़ी बहनों ने उसे माइक से आवाज लगाई। जैसी ही बच्ची ने मां की आवाज सुनी तो तुंरत तो कहने लगी मम्मी आजा। उसकी इस बात को सुन पास खड़े लोगों का दिल पसीज गया। टीमों के द्वारा बोरवेल में फंसीं बच्ची को दूध, पानी, बिस्किट, चॉकलेट, केले भेजे गए। जिससे बच्ची के शरीर में कुछ जा सके।
रातभर जुटा रहा राहत दल
नीरू को बोरवेल से निकालने का रेस्क्यू ऑपरेशन शाम से सुबह दस बजे तक लगातार जारी रहा। जिसके बीच भारी बारिश का भी सामना करना पड़ा, लेकिन एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान तब भी काम में जुटे रहे। बोरवेल के अंदर रिंग डालकर बच्ची को निकालने के लिए जवान जी जान कोशिश में लगे रहे।
बार-बार पकड़ती रिंग लेकिन…
बोरवेल के अंदर बच्ची के सामने मौत खड़ी थी लेकिन वो इस जंग को लड़ती रही। बिना थके और बिना सोए बच्ची बोरवेल में अटकी रही। रेस्क्यू के दौरान जब भी रिंग मासूम के पास पहुंचती बार बार असफलता हाथ आती। दिन रात की मशक्कत करने के बाद आखिरकार जवानों को करीब सवा दस बजे रेस्क्यू ऑपरेशन में सफलता हाथ लगी, और टनल के जरिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने बच्ची को बाहर निकाला।