गौतम गंभीर और राहुल द्रविड़ की तुलना भारतीय क्रिकेट जगत में अक्सर की जाती रही है, खासकर जब से गौतम गंभीर को टीम इंडिया का हेड कोच बनाया गया है। इस तुलना का मुख्य कारण दोनों के अलग-अलग व्यक्तित्व और coaching के दृष्टिकोण का अंतर है। राहुल द्रविड़ अपनी शांत स्वभाव और संयम के लिए जाने जाते हैं,
जबकि गौतम गंभीर की पहचान उनकी आक्रामकता और स्पष्टता के लिए होती है। इस संदर्भ में भारतीय टीम के विकेटकीपर ऋषभ पंत ने हाल ही में इस तुलना पर अपनी राय दी है। पंत ने कहा है कि दोनों कोच की शैली में महत्वपूर्ण अंतर है, जो उनके coaching के तरीके को भी दर्शाता है।
राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में टीम ने जीती कई सीरीज
राहुल द्रविड़ को 2021 में भारतीय क्रिकेट टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया था। उनका मुख्य लक्ष्य टीम को 2023 वनडे वर्ल्ड कप के लिए तैयार करना था। द्रविड़ के नेतृत्व में टीम इंडिया ने कई महत्वपूर्ण टूर्नामेंट्स और सीरीज में सफलता प्राप्त की। उनके कार्यकाल के दौरान भारतीय टीम ने स्थिरता और अनुशासन के साथ खेला, और द्रविड़ की कोचिंग शैली ने खिलाड़ियों की तकनीकी क्षमताओं को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
BCCI ने राहुल द्रविड़ के कार्यकाल को बढ़ाया
2023 वनडे वर्ल्ड कप के बाद, बीसीसीआई ने द्रविड़ के कार्यकाल को बढ़ाने का निर्णय लिया, ताकि वह टी20 वर्ल्ड कप 2024 के लिए टीम की तैयारी कर सकें। इस निर्णय का मुख्य कारण यह था कि द्रविड़ की कोचिंग ने टीम को बहुत सारी सफलता दिलाई थी, जिसमें टी20 वर्ल्ड कप 2022 का खिताब भी शामिल था। द्रविड़ के नेतृत्व में टीम ने टी20 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन किया, और यह उनके कोचिंग की सफलता का प्रमाण था।
राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर की कोचिंग में अंतर
इस बीच में ऋषभ पंत ने द्रविड़ की कोचिंग स्टाइल पर कहा कि “मुझे लगता है कि राहुल भाई एक इंसान और एक कोच के रूप में बहुत संतुलित थे। यह अच्छा और बुरा दोनों हो सकता है। सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू हैं और यह इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति कहां ध्यान केंद्रित करना चाहता है।’
तो वहीं गौतम गंभीर की कोचिंग स्टाइल पर पंत ने कहा ‘गौती भाई (गंभीर) अधिक आक्रामक हैं, वह इस बात को लेकर बहुत एकतरफा हैं कि आपको जीतना है। लेकिन आपको सही संतुलन खोजने और सुधार करने की जरूरत है।”