वर्ल्ड कप में अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी से प्रतिद्वंद्वी टीम के छक्के छुड़ाने वाले भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा अब सिर्फ एक खिताब से दूर हैं। हालांकि रोहित शर्मा इस विश्व कप में कम से कम 5 बार शतक पूरा करने से चूक गए लेकिन अपने सकारात्मक रवैये से उन्होंने दर्शकों का दिल जीत लिया है। देखा जा सकता है कि रोहित शर्मा व्यक्तिगत हित से ऊपर उठकर अपनी टीम के लिए बल्लेबाजी कर रहें हैं।
उनकी कप्तानी में सौरभ गांगुली वाले तेवर और धोनी वाली रणनीति को साफ़ देखा जा सकता है। इसके अलावा कपिल देव की तरह वह अपने लक्ष्य पर साफ़ निगाहें टिकाये हुए हैं। उन्होंने साफ़ कहा भी था की एक खराब मैच से विलेन बनने में देर नहीं लगेगी। रोहित जानते हैं कि एक महान कप्तान और खिलाड़ी बनने के लिए उन्हें किसी भी तरह क्रिकेट फैंस को वर्ल्ड कप की ट्रॉफी गिफ्ट करनी होगी।
19 नवंबर का दिन होगा खास
आपको बता दें कि 19 नवंबर को भारत तथा आस्ट्रेलिया के मध्य फ़ाइनल मैच खेला जाएगा। इस बात की पूरी संभावना है कि रोहित के लिए यह आखरी विश्व कप होगा क्यों की अगला विश्व कप 2027 में होगा और तब तक रोहित 40 वर्ष के हो जाएंगे। रोहित के 16 साल से अधिक के क्रिकेट कैरियर में 19 नवंबर का दिन बेहद ख़ास होगा। रोहित ने एशिया कप से पहले कहा भी था कि मैं अगले 2 महीने में इस टीम के साथ यादगार उपलब्धियां हासिल करना चाहता हूं।
मौके का पूरा लाभ लेना चाहते हैं रोहित
आपको जानकारी दे दें कि रोहित जब पूर्णकालिक कप्तान बने तो उस समय अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा था कि “मैं किसी से कुछ ऐसा करने के लिए नहीं कहूंगा। जो मैं खुद नहीं कर सकता।” आपको बता दें कि 2007 में टी-20 विश्व कप की विजयी टीम में शामिल रहने वाले रोहित शर्मा को 2011 के विश्व कप में खेलने का मौक़ा नहीं मिला था। उस समय वे टीम में नहीं चुके गए थे इसलिए अब वे इस समय अपनी उस इच्छा को पूरी कर मौके का पूरा लाभ उठाना चाहते हैं।
जूनियर खिलाड़ियों से रखते हैं दोस्ती
जानकारी दे दें कि रोहित को टीम के जूनियर खिलाड़ियों से दोस्ती के लिए भी जाना जाता है। यदि किसी खिलाडी की प्रतिभा पर उन्हें भरोसा होता है तो वे उसका पूरा साथ देते हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ धमाकेदार पारी खेलने वाले श्रेयस अय्यर ने प्रसारकों से कहा था “मैं दबाव में था लेकिन कप्तान का मुझ पर भरोसा होना बहुत जरूरी था। उन्होंने मुझसे कहा कि हमें (प्रबंधन को) आप पर भरोसा है और जो कुछ भी कहा जा रहा है वह बाहरी शोर है।” देखा जाये तो रोहित ने अपनी कप्तानी से टीम के लिए काफी कुछ किया है और अब टीम की जिम्मेदारी भी बनती है की वह विश्व कप जीतकर रोहित के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दे।